- डॉ. अनिल कुटुम्बले
चंद्रयान 2 का मिशन था जगत से काफी निराला,
गर्व है 'इसरो' और 'सिवन' पर भले छिन गया निवाला।
चांद पर निश्चित उतरता यान का लैंडर 'विक्रम',
'प्रज्ञान' रोवर चलता गर्व से - उस पर कुछ कदम।
टूटा हो संपर्क यान का भले ही फिलहाल,
हौसले पर यकीन है सभी को हर हाल।
गम है मंजिल न छूने का- आगे जीतेंगे, इसमें नहीं डाउट
विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले भी शून्य पर हुए हैं आउट।
सफलता शान से मिलेगी - जब इरादा है नेक,
बस कुछ समय के लिए लिया है - एक छोटा सा ब्रेक।
कुछ पाने के लिए भले ही - कुछ खोना हमें पड़ा है,
फहराओ चांद पर अपना झंडा - हर भारतीय साथ खड़ा है।