Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कविता : भारतमाता का पुत्र

हमें फॉलो करें कविता : भारतमाता का पुत्र
webdunia

शम्भू नाथ

मैं भारतमाता का पुत्र प्रतापी,
सीमा की रक्षा करता हूं।
जो आके टकराता है,
अहं चूर भी करता हूं।
 
दुश्मन की कोई भी,
दाल न गलती।
लड़कर दूर भगाता हूं,
अपने भारत के वीर गीत को,
हर मौके पर गाता हूं।
 
आतंकवादी अवसरवादी,
आने से टकराते हैं।
आ गए मेरी भूमि में,
तहस-नहस हो जाते हैं।
 
अपने देश की माटी का,
माथे पर तिलक लगाता हूं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कविता: बेटियां