Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

lock down poem : पथिकों की डगर को मखमली रखना

हमें फॉलो करें lock down poem : पथिकों की डगर को मखमली रखना
webdunia

डॉ. पूर्णिमा भारद्वाज

भगवन मेरे, 
 
पथिकों की डगर को
मखमली रखना
हाथों को 
निवाले भी
 
उजास भी
पूरा का पूरा
रहने देना सूरज में
चांद की शीतलता
और ठंडाये रखना
 
शिशुओं की
खिल-खिल मुस्कान
फूलों की खुशबुएँ
पौधों का हरा
नदियों का कलरव
 
घर-परिवार
आंगन-औसारा
मेहंदी के हाथ
हल्दी के पांव
नेग-शगुन,
शहनाई
थिरकते मन
सब कुछ
 पूरा का पूरा 
लौटाना है तुम्हें ही, 
बिना किसी कतरब्योंत के।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Hindi Poem : तुमसे मिलने के वो क्षण