महिमा मैया की कितना बखाने
देखो ऊँचे पहाड़न पर माता रानी है विराजे
नवरातन में आई है सोया भाग्य जगाने
महिमा रउआ की हम कितना बखाने
इनकी महिमा है अपरम्पार सारा जग है जाने
कश्मीर में कहलाती वैष्णव मातारानी
बिंध्याचल में ऊँचे पर्वत में बैठी हैं दानी
माता शारदा और अम्बे की नानी सुनाती कहानी
हिमांचल वासी चिंतपूर्णी, ज्वाला मइया है पुकारते
सारी दुनिया में होते हैं इनके जयकारे
ब्रम्हपुत्र की घाटी में कामाख्या माँ बन विराजे
इमया हम करे तेरी आरती तू दुःखों को टाले
तेरा वैभव है अपरम्पार शरण में लेले
और दे दे सहारे।
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