Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नर्मदा नदी पर कविता : आदि माता नर्मदे

Advertiesment
हमें फॉलो करें नर्मदा नदी पर कविता : आदि माता नर्मदे
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

Narmada River
 
आदि माता नर्मदे आत्मपोषी।
मां आशुतोषी मां आशुतोषी।
 
उमारूद्रांगसंभूता, हे पावन त्रिकूटा।
ऋक्षपादप्रसूता, रेवा, चित्रकूटा।
सर्व पाप विनिर्मुक्ता, हे नर्मदे
 
पुण्य संगम, पारितोषी।
मां आशुतोषी, मां आशुतोषी।
 
दशार्णा, शांकरी, मुरन्दला।
इन्दुभवा, तेजोराशि, चित्रोत्पला।
दुर्गम पथ गामनी, हे नर्मदे, 
 
महार्णवा, मुरला, सुपोषी।
मां आशुतोषी, मां आशुतोषी।
 
विदशा, करभा, विपाशा।
रंजना, मुना, सुभाषा।
अमल शीतल सतत, हे नर्मदे।
 
अविराम, सुपथ, शत कोषी।
मां आशुतोषी, मां आशुतोषी।
 
विमला, अमृता, शोण, विपापा।
महानद, मंदाकिनी, अपापा।
नील धवल जल, हे नर्मदे।
 
रम्य अहिर्निश, सहस्त्र कोशी।
मां आशुतोषी, मां आशुतोषी।

ALSO READ: अगर तुम्‍हें नदी का बहते हुए देखना आता है तो यह भी सच है कि नर्मदा ‘मां’ है

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shivaji Maharaj : 19 फरवरी को शिवाजी जयंती, पढ़ें उनकी जीवन गाथा