Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भगवान परशुराम पर कविता : मैं तुम्हें बुलाने आया हूं

हमें फॉलो करें भगवान परशुराम पर कविता : मैं तुम्हें बुलाने आया हूं
webdunia

सुशील कुमार शर्मा

Lord Parashurama
 
हे विप्र शिरोमणि
 
हे विप्र शिरोमणि परशुराम,
मैं तुम्हें बुलाने आया हूं।
अपने हृदय की व्यथा कथा,
तुमको बतलाने आया हूं।
 
हृदय व्यथित है बहुत विप्रवर,
कैसे तुमसे मैं बात करूं।
अपने जज्बातों को प्रियवर,
कैसे तुमसे मैं साक्षात करूं।
 
राजनीति की चौपालों पर,
ईमानों की बोली लगती है।
सत्य तड़पता है सड़कों पर,
बेईमानों की डोली सजती है।
 
सोने की चिड़िया भारत अब,
कर्ज में डूबा जाता है।
विश्वगुरु कहलाने वाला अब,
सबसे अंतिम में आता है।
 
सरेआम शिक्षा बिकती है,
ज्ञान सिसकता छलियों में।
शिक्षा को उद्योग बनाकर,
डाकू बैठे हर गलियों में।
 
रट्टू तोता बनकर बच्चे,
बस्ते के बोझ से दोहरे हैं।
शिक्षा के संवादों में,
सरकार के कान भी बहरे हैं।
 
आरक्षण की तलवारों से,
प्रतिभाएं काटी जाती हैं।
धर्म और जाति की दीवारों से,
मानव नस्लें बांटी जाती हैं।
 
सेना को अपमानित करके,
राजनीति जो करते हैं।
भारत को गाली दे-देकर,
देशप्रेम का दम भरते हैं।
 
मासूमों की इज्जत को,
सरेआम लूटा जाता है।
कैंडल मार्च की राजनीति कर,
झूठा माथा पीटा जाता है।
 
हे विप्र श्रेष्ठ अब तुम आकर,
कोई उपचार करो।
भारत को पुन: प्रतिष्ठित,
करने का आप विचार करो।
 
परशु हाथ में लिए आप,
अब दुष्टों का संहार करो।
दीन-दु:खी मजलूमों का प्रभु,
आकर तुम उद्धार करो।
 
हे विप्र शिरोमणि परशुराम,
मैं तुम्हें बुलाने आया हूं।
अपने हृदय की व्यथा कथा,
तुमको बतलाने आया हूं।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

CoronaVirus: चेस्ट X-ray और Swab Test में से क्या है सबसे सही, जानिए Expert Advice