हिन्दी कविता : संघर्ष

शम्भू नाथ
संघर्ष ही जीवन का मूल एहसास है, 
कौन कहता है संघर्ष का नहीं साथ है।
 
बचपन बड़प्पन में हंस के गुजारा, 
जवानी में कइयों पर तीर मारा।

हरदम हमेशा देखा प्रभात है,  
संघर्ष ही जीवन का मूल एहसास है।
कौन कहता है संघर्ष का नहीं साथ है।।
 
पढ़ लिख कर के करता कमाई, 
बीवी से कभी-कभी होती लड़ाई।
बहू-पोते कहते दादा नवाब हैं, 
संघर्ष ही जीवन का मूल एहसास है।
कौन कहता है, संघर्ष का नहीं साथ है।।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या होता है DNA टेस्ट, जिससे अहमदाबाद हादसे में होगी झुलसे शवों की पहचान, क्या आग लगने के बाद भी बचता है DNA?

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

खाली पेट ये 6 फूड्स खाने से नेचुरली स्टेबल होगा आपका ब्लड शुगर लेवल

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

सभी देखें

नवीनतम

याददाश्त बढ़ाने के लिए आज से ही छोड़ दें अपनी ये 8 आदतें, दिमाग पर डालती हैं बुरा असर

मन सच्चा, कर्म अच्छा और बाकी सब महादेव की इच्छा... पढ़ें शिव जी पर लेटेस्ट कोट्स

हादसों पर 10 मशहूर शेर

स्किन के लिए जादुई है ग्रीन टी की पत्तियां, जानिए इससे बनने वाले ये 3 खास फेस पैक्स के बारे में

फादर्स डे 2025: पिता कब हो जाते हैं दुखी, जानिए 5 खास कारण