नवीन रांगियाल की कविता : पेशाब

Webdunia
गुरुवार, 6 जुलाई 2023 (15:35 IST)
इंदौर के युवा कवि और लेखक नवीन रांगियाल द्वारा यह कविता मध्‍यप्रदेश के सीधी में आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना पर लिखी गई है। इस शर्मनाक घटना से प्रदेश में हर कोई हतप्रद हैं। नवीन इंदौर से संचालित वेबदुनिया डॉट कॉम में असिस्‍टेंट एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में उनका कविता संग्रह ‘इंतजार में आ की मात्रा’ सेतु प्रकाशन दिल्‍ली से प्रकाशित हुआ है।

---

दीवारें भीग गई हैं पेशाब से
शौचालय डूब गए हैं

अख़बार गल गए

अस्पतालों में है पेशाब की बू

पेशाब से खत्म हुए जंगल
नदियों में बहता है आदमी का पेशाब

रेल और बसों से टपकता है पेशाब

घांस में पेशाब है
खेत में पेशाब है
गांव में पेशाब
शहर में नहर में पेशाब है

ख्याल और स्वप्न में पेशाब है
हमारी शराब में पेशाब है

फूल भी पेशाब हैं
राजनीति पेशाब है

समाज में घुल गया पेशाब
समाज का नाम पेशाब है

गिरेबां से आती है पेशाब की बू

पेशाब करने वाला आदमी हो गया पेशाब
जिस पर किया पेशाब वो भी हुआ पेशाब

कहीं बची नहीं पेशाब करने की जगह

आदमी के मुंह से निकलता है
आदमी के मुंह पर गिरता है पेशाब
 
#औघटघाट

सम्बंधित जानकारी

अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज क्या है? कब शुरू हुआ और किसे मिलता है? जानिए कौन रहे अब तक के प्रमुख विजेता

स्किन से लेकर डाइबिटीज और बॉडी डिटॉक्स तक, एक कटोरी लीची में छुपे ये 10 न्यूट्रिएंट्स हैं फायदेमंद

ये हैं 'त' अक्षर से आपके बेटे के लिए आकर्षक नाम, अर्थ भी हैं खास

अष्टांग योग: आंतरिक शांति और समग्र स्वास्थ्य की कुंजी, जानिए महत्व

पर्यावरणीय नैतिकता और आपदा पर आधारित लघु कथा : अंतिम बीज

भारतीय सेना पर निबंध: शौर्य, पराक्रम और राष्ट्र सेवा की बेजोड़ मिसाल, जानिए भारतीय सेना की वीरता की महागाथा

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

क्या चीन के इस बांध ने बदल दी धरती की रफ्तार? क्या है नासा के वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला दावा

सिर्फ एक सिप भी बढ़ा सकता है अल्जाइमर का खतरा, जानिए ये 3 ड्रिंक्स कैसे बनते हैं ब्रेन के लिए स्लो पॉइजन

अगला लेख