जन्माष्टमी पर कविता: नन्द के ललना मंद-मंद मुस्काए

राकेशधर द्विवेदी
नन्द के ललना मंद-मंद मुस्काए
यशोदा मइया पलना झुलाए
 
पलना झुलाए मइया पलना झुलाए
ललना को देख मन ही मन मुस्काए
 
नन्द के ललना मंद-मंद मुस्काए
यशोदा मइया पलना झुलाए
 
शिखा पे मुकुट सोहे कमर करधनिया
काला काला कजरा सोहे
 
जुल्मी नयनवा
मथवा पे लगा टीका देखो
 
नजर से बचाए
यशोदा मइया पलना झुलाए
 
पलना में झूले ललन खूब मुसकाए
हंथवा उठाए और अंखिया नचाए
 
मिश्री भी खाए माटी भी खाए
मुंह खोले ब्राह्मांड दिखावें
 
नन्द के लालना मंद-मंद मुस्काए
यशोदा मइया पलना झुलाए।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वैलेंटाइन डे डेट से पहले dull लग रही है स्किन? सिर्फ 5 मिनट में पाएं पार्लर जैसा ग्लो

इस बार वेलेंटाइन पर अपनी पार्टनर को दें हेल्थ केयर से जुड़े ये खास गिफ्ट्स

valentine day 2025: नई-नई हुई है शादी तो ऐसे बनाएं वेलेंटाइन डे को खास

तनाव को कम करने के लिए मजे से पीजिए ये चाय, ऐसे करती है असर

डाइजेशन का रखना है बेहतर तो डाइट में जरूर शामिल करें ये फ्रूट्स

सभी देखें

नवीनतम

वेलेंटाइन डे की विश कैसे करें?

छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम और गौरवशाली इतिहास का दर्शन कराते हैं महाराष्ट्र के ये किले, परिवार के साथ जाएं घूमने

आखिर क्यों खूबसूरत बने रहने के लिए जरूरी है कोलाजन, जानिए कैसे बढ़ा सकते हैं शरीर में प्राकृतिक तरीके से कोलाजन

शादी के बाद पहले वैलेंटाइन पर कुछ ऐसे सजाएं अपना घर, रोमांटिक डेट के लिए कहीं ओर नहीं जाने का करेगा मन

भोलेनाथ के हैं भक्त तो अपने बेटे का नामकरण करें महादेव के इन सुन्दर नामों पर, सदा मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

अगला लेख