Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिन्दी कविता : मेरे कान्हा की प्यारी मुरतिया

हमें फॉलो करें हिन्दी कविता : मेरे कान्हा की प्यारी मुरतिया
webdunia

राकेशधर द्विवेदी

मेरे कान्हा की प्यारी मुरतिया
मन में बस जाए इसकी सुरतिया
गोकुल धाम से कान्हा आए
जमुना किनारे बंसी बजाए
भागी-दौड़ी चली आए
बरसाने की प्यारी सुरतिया
मेरे कान्हा की प्यारी मुरतिया।
 
नंद के ललना गोकुल से आए
देखो सखियों से संग रास रचाए
बांसुरी बजाए खूब फंसाए
राधा-रानी को पल-पल में लुभाए
काली कमरी वाला ब्रजबसिया
बड़ी मतवाली हैं इसकी
काली-काली अंखियां
 
मन मंदिर में ऐसे बस जाए
कोई सूरत फिर न भावे
बड़ी प्यारी है इसकी सुरतिया
मेरे कान्हा की प्यारी मुरतिया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बारिश में शहद का सेवन करें या नहीं, जानिए