✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
हे बापू, तुम फिर आ जाते...
सुशील कुमार शर्मा
हे बापू, तुम फिर आ जाते,
कुछ कह जाते, कुछ सुन जाते।
साबरमती आज उदास है,
तेरा चरखा किसके पास है?
झूठ यहां सिरमौर बना है,
सत्य यहां आरक्त सना है।
राजनीति की कुटिल कुचालें,
जीवन को दूभर कर डाले।
अंदर पीड़ा बहुत गहन है,
मन को आकर तुम सहलाते।
हे बापू, तुम फिर आ जाते,
कुछ कह जाते, कुछ सुन जाते।
सर्वधर्म समभाव मिट रहा,
समरसता का भाव घट रहा।
दलितों का उद्धार कहां है,
जीवन का विस्तार कहां है?
जो सपने देखे थे तुमने,
उनको पल में तोड़ा सबने।
युवाओं से भरे देश में,
बेकारी कुछ कम कर जाते।
हे बापू, तुम फिर आ जाते,
कुछ कह जाते, कुछ सुन जाते।
स्वप्न तुम्हारे टूटे ऐसे,
बिखरे मोती लड़ियों जैसे।
सहमा-सिसका आज सबेरा,
मानस में है गहन अंधेरा।
भेदभाव की गहरी खाई,
जान का दुश्मन बना है भाई।
तिमिर घोर की अर्द्ध निशा में,
अंधकार में ज्योति जगाते।
हे बापू, तुम फिर आ जाते,
कुछ कह जाते, कुछ सुन जाते,
स्वतंत्रता तुमने दिलवाई,
अंग्रेजों से लड़ी लड़ाई।
लेकिन अब अंग्रेजी के बेटे,
संसद की सीटों पर लेटे।
इनसे हमको कौन बचाए,
रस्ता हमको कौन सुझाए।
जीवन के इस कठिन मोड़ पर,
पीड़ा को कुछ कम कर जाते।
हे बापू, तुम फिर आ जाते,
कुछ कह जाते, कुछ सुन जाते।
कमरों में है बंद अहिंसा,
धर्म के नाम पर छिड़ी है हिंसा।
त्याग-आस्था सड़क पड़े हैं,
ईमानों में पैबंद जड़े हैं।
वोटों पर आरक्षण भारी,
गुंडों को संरक्षण जारी।
देख देश की रोनी सूरत,
दो आंसू तुम भी ढलकाते।
हे बापू, तुम फिर आ जाते,
कुछ कह जाते, कुछ सुन जाते।
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
सम्बंधित जानकारी
कविता : बूढ़े होंगे हम...
दोहा बन गए दीप-13
कविता : शब्दों का संसार
कविता : कालक्रम
कविता : जिहाद
Show comments
सभी देखें
जरुर पढ़ें
गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन
रोज करें सूर्य नमस्कार, शरीर को मिलेंगे ये 10 फायदे
वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे
ये 3 ग्रीन टी फेस मास्क गर्मियों में त्वचा को रखेंगे हाइड्रेट, जानें बनाने की विधि
गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे
सभी देखें
नवीनतम
वीएफएक्स में बनाएं क्रिएटिव करियर
सेक्युलर शब्द भारत में धर्म की अवधारणा से मेल नहीं खाता
Malaria day 2024 : मलेरिया बुखार से बचने के 10 तरीके
25 अप्रैल: विश्व मलेरिया दिवस 2024 की थीम और इस रोग के बारे में जानें
बॉयफ्रेंड को दिन में करती थी 100 कॉल्स, डॉक्टर ने कहा Love Brain है, आखिर क्या है Love Brain Disorder?
अगला लेख
1 से 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के ये हैं दिव्य मंत्र...