शिवाजी जयंती पर कविता - शिवाजी ने छत्रपति का सम्मान पाया

सपना सीपी साहू 'स्वप्निल'
भारत में रही सदा सम्पन्नता, सभ्यता, संस्कृति,
छल कपट से मिटी अखण्ड भारत की आकृति।

यहाँ गूंजती रहेगी महान योद्धाओं की वीरगाथा,
भगवा लहराया शिवाजी ने प्रशंसनीय शौर्यगाथा।

सन्1630 ई. में जन्में शिवा, स्थान दुर्ग शिवनेरी,
पिता शाहजी, माता जीजाबाईं धर्मपरायण नारी।

बाल्यावस्था से ही पराक्रमी, जगदम्ब भक्तिधारी,
शिवाजी हुए अपने गुरु रामदास के आज्ञाकारी।

तलवार, तीर, भाले, बरछे साथी बनकर साथ रहे,
युद्धनीति, शासन-प्रबंध में निपूर्ण कुशल हाथ रहे।

गौरिला युद्ध, नौसेना जनक वे श्रेष्ठ रणनीतिकारी,
नारी सम्मान कर्ता, दीन प्रजा के हुए परोपकारी।

ओजस्वी ,धर्मात्मा व जैसे को तैसा के नीतिकारी,
स्वाभिमान जगा के कहा एक मराठा सौ पर भारी।

समझाया जन्मभूमि यह अपनी, नहीं मुगलों की,
हिंदूरक्षक योद्धा नहीं स्वीकारेंगे परतंत्रता इनकी।

हर सामर्थ्य लगाकर शत्रु से लोहा लेना ही पड़ता,
जिसके बाजुओं में दम वह पूर्ण स्वराज में जीता।

संधिया साम-दाम-दंड-भेद नीति अपनाना होगा,
अवज्ञाकारी को छापा मारकर धूल चटाना होगा।

हौंसले बुलंद रखे शत्रुओं को एक वार में हराया,
रिपुदमन शिवाजी ने छत्रपति का सम्मान पाया।

हर-हर महादेव की हुंकार भरी बने शत्रु भयकारी,
मुगलों को नाको चने चबवाए वे हिंदुत्व हितकारी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

मिलिंद सोमन की मां 85 साल की उम्र में कैसे रखती हैं खुद को इतना फिट, जानिए उनके फिटनेस सीक्रेट

फिर से फैल रहा है कोरोना, रखें ये 6 सावधानियां

ये हेल्दी फैट्स हार्ट को रखते हैं दुरुस्त, कोलेस्ट्रॉल भी रहता है कंट्रोल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

अगला लेख