करवा चौथ पर एक कामकाजी महिला की कविता

स्मृति आदित्य
क्या हुआ जो नहीं लगा पाई इस बरस मेहंदी 
उनके प्रेम का रंग तो है न अब तक गाढ़ा 
 
क्या हुआ जो नहीं खरीदी कोई साड़ी 
उनकी परवाह का पैरहन तो है न कवच बनकर 
 
क्या हुआ जो नहीं मिला कोई उपहार इस साल  
सुबह याद से फूल तो ले ही आए थे चढ़ाने को 
 
सिरहाने रखे हरसिंगार और नीली अपराजिता 
कितना कुछ बोल रहे थे सुबह 
मैं ही नहीं सुन पाई वो बात जो कहते रहे तुम दिन रात... 
 
क्या हुआ जो कोई गहना नहीं मिला मुझे पिछले कई साल से 
गृहस्थी की जाने कौन कौन सी किश्तें तो तुम भर ही देते हो याद से 
 
उम्र किसकी लंबी है यह तो वक्त बताएगा 
नौकरी की उलझन में मना करवा चौथ 
किसी न किसी को कभी न कभी तो जरूर याद आएगा.... 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

हिंदी साहित्य के 15 शीर्ष उपन्यास जिन्हें पढ़े बिना अधूरा है किसी पाठक का सफर

स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की मौत कैसे हुई?

अंतरिक्ष में नई कहानी लिखने की तैयारी, शुभ हो शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा

बीमारियों से बचना है तो बारिश में रखें ये 10 सावधानियां

मिलिंद सोमन की मां 85 साल की उम्र में कैसे रखती हैं खुद को इतना फिट, जानिए उनके फिटनेस सीक्रेट

अगला लेख