होली विशेष : होली की 2 कविताएं...

सुशील कुमार शर्मा
होली रचनाएं : सेदोका और माहिया छंद में...

5 7 7 5 7 7 ( षट्पदी कुल 38 वर्ण)
 

 
ब्रज की बाला
कान्हा ने रंग डाला
उमड़ा ब्रज गांव
उड़ा गुलाल
मस्तीभरी उमंग
सतरंगी चेहरे।
 
चुनरी लाल
कुमकुम केसर
होंठ रंगे गुलाबी
फागुन आया
मधुवन महका
लाल टेसू दहका।
 
होली आई रे
बौराई अमराई
भगोरिया नचाई
पलाशी रंग
साजन बरजोरी
चोली रंग भिगोई।
 
 

माहिया 1
 
(तीन पदी 12, 10, 12 मात्राएं)
 
 
रोम-रोम सहर उठा
ये फागुनी हवा
तन-मन में चढ़ा नशा।
 
आयो फागुन झूमत
ऋतु बसंत के साथ
तन मोहित, मन हर्षित।
 
राधा खेलत होरी
ग्वालन बालन संग
श्याम करत बरजोरी।
 
हवा में बिखरे रंग
पीली चुनरिया
बुरांस के दरख्तों पर।
 
रंगभरी पिचकारी
होली में मनभर
कपट कन्हाई मारी।
 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

ये किट बनाएगी आपकी छुट्टियों के लुक को स्पेशल और यादगार, नोट कर लें पूरी लिस्ट

समर्स में शरीर की गर्मी बढ़ा देती हैं ये चीजें, पड़ सकते हैं बीमार

kids story : स्टूडेंट का हलवा और ब्रह्म राक्षस

लू लगने के बाद क्या करें? हीट स्ट्रोक से तुरंत राहत पाने के लिए अपनाएं ये 7 आसान होम रेमेडीज

वेट कम करना पड़ा भारी, सर्जरी के बाद महिला हुई पैरालाइज, जानिए क्या हैं इस बैरिएट्रिक सर्जरी के साइड इफेक्ट्स

सभी देखें

नवीनतम

तुम्हारे रेप के लिए तुम खुद जिम्मेदार, जज की टिप्पणी से फिर मचा बवाल

गीत : महावीर पथ

'हिन्दीयोद्धा डॉ. वेदप्रताप वैदिक' पुस्तक लोकार्पित

सुप्रसिद्ध लेखक मनोज भावुक को बेस्ट राइटर अवार्ड

सिखों के 8वें गुरु, गुरु हर किशन की पुण्यतिथि, जानें उनके बारे में

अगला लेख