चुनाव से आगे का चिन्तन

डॉ. रामकृष्ण सिंगी
जलाशय भरते हैं, खुद अपने लिए भरते हैं क्या?
वृक्ष सँवरते हैं फूलों से, खुद अपने लिए सँवरते हैं क्या?
हर दिन 24 घंटे बिना विश्राम व 365 दिन अनथक,
मोदी जो करते हैं, खुद अपने लिए करते हैं क्या?।।1।। 
 
सत्तासीनों के पास काम में कोताही का अब न कोई बहाना होगा। 
विरोधियों को मर्यादा में रहना होगा, या कि अब मिट जाना होगा। 
तय है रोडमेप अब उन्नीस, बावीस व चौबीस तक के लिए,
अब तो मोदी मॉडल पर ही देश को आगे जाना होगा।।2।। 
 
चुनावों से यूपी को माया की वर्ग भेदी माया से निजात मिली।  
मुलायम-अखिलेश के अन्धे परिवारवाद को मात मिली। 
मोदी के आशीर्वाद तले योगी-मौर्य व शर्मा की 
एक समर्पित और कार्यक्षम तिकड़ी की सौगात मिली।।3।। 
 
शुभ है कि पंजाब बच गया सत्ता लोभी 'आप से'
रक्षा हुई उसकी गुरु परंपरा के प्रताप से। 
कामना है कि यह वीरभूमि फिर से गर्जे शेरों की तरह 
अमरिन्दर उबारें उसे ड्रगों के अभिशाप से।।4।। 
 
निर्भीक, संकल्पशील, अनुशासित सादा जीवन। 
कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिए, अहर्निश, हर क्षण।
प्रदेश के विकास का सपना लिए आँखों में,
देखना साबित होगा योगी, यूपी में मोदीजी का ही लघु संस्करण।।5।।    
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