आज़ादी औरत की....

सहबा जाफ़री

Webdunia
FILE
आज़ादी की कीमत उन चिड़ियों से पूछो
जिनके पंखों को कतरा है, आ'म रिवाज़ों ने
आज़ादी की कीमत, उन लफ़्ज़ों से पूछो
जो ज़ब्तशुदा साबित हैं सब आवाज़ों में


आज़ादी की क़ीमत, उन ज़हनों से पूछो
जिनको कुचला मसला है, महज़ गुलामी को
आज़ादी की क़ीमत, उस धड़कन से पूछो
जिसको ज़िंदा छोड़ा है, सिर्फ सलामी को


आज़ादी की क़ीमत उन हाथों से पूछो
जिनको मोहलत नहीं मिली है अपने कारों की
आज़ादी की क़ीमत उन आंखों से पूछो
जिनको हाथ नहीं आई है, रोशनी तारों की


जो ज़िंदा होकर भी भेड़ों सी हांकी जाती है
आज़ादी भी रस्सी बांध के जिनको दी जाती है
जिस्मों से तो बहुत बड़ी जो मन से बच्ची हैं
' अब्बू खां की बकरी' भी उन से अच्छी है...
Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?