इस बार होली पर

काव्य-संसार

भारती पंडित
ND
रंगों से दिल सजा ही लूँ इस बार होली पर
रूठों को अब मना ही लूँ इस बार होली पर।

इक स्नेह रंग घोलूँ आँसू की धार में
पानी ज़रा बचा लूँ इस बार होली पर।

अपनों की बेवफाई से मन है हुआ उदास
इक मस्त फाग गा लूँ इस बार होली पर।

रिश्तों में आजकल तो है आ गई खटास
मीठा तो कुछ बना ही लूँ इस बार होली पर

उम्मीद की कमी से फीकी हुई जो आँखें
उनमें उजास ला दूँ इस बार होली पर।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

Organza Suit में किसी पारी से कम नहीं दिखेंगी आप! जानें कैसे करें स्टाइल

बार-बार हो जाती है वेजाइना में खुजली, इन 3 उपायों से मिनटों में पाएं आराम

प्यारी बिटिया के लिए र (R) से शुरू होने वाले नाम और उनके अर्थ

सुबह बासी मुंह खाना चाहिए ये 5 चीज़ें, जानें गजब के फायदे

क्या आपको भी पीना पसंद है Cold Coffee? जान लें इसके नुकसान

सभी देखें

नवीनतम

National Statistics Day : राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस और प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती

दो क्षुद्रग्रह गुजर रहे हैं पृथ्वी के पास से, यदि टकराए तो...

ये 3 जापानी सीक्रेट हमेशा रखेंगे मोटापे से दूर, शरीर रहेगा जवान

इन 5 Brain Game से बच्चे का पढ़ाई में बढ़ाएं फोकस, जानें कुछ टिप्स

ऐसे बढ़ाएं अपना Patience Level, नहीं करेंगी छोटी छोटी चीज़ें परेशान

More