कुछ नन्ही कविताएँ

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डॉ. रवीन्द्र नारायण पहलवान
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यहाँ- 1
यहाँ,
कुछ भी नहीं
सिर्फ
तेरी यादों
के सिवा ।



यहाँ -2
यहाँ सब कुछ है,
बस,
तेरे सिवा ।

यहाँ- 3
यहाँ सब कुछ है,
तेरी यादों के
आँसू भी ।
WDWD

यहाँ- 4
यहाँ,
सब कुछ है,
लेकिन इन सबकी
उपयोगिता क्या ?
जब तू नहीं ।

यहाँ- 5
यहाँ,
भोजन तो बहुत है,
पर,स्वाद बिल्कुल नहीं आता।
तुम नहीं हो न यहाँ,
इसलिए ।

यहाँ- 6
यहाँ,
पेड़ हैं, पौधे हैं,
फूल हैं,चिड़ियाँ
और तितलियाँ भी ।
लेकिन नीरस लगता है।
तुम नहीं हो न ।
यहाँ ।

यहाँ- 7
यहाँ,
सब कुछ है,
बस नहीं हो तुम
और न ही
तुम्हारे आने की आहट ।
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