जिंदगी लम्हों में सिमट जाएगी

Webdunia
- रोहित जैन

ND
जिंदगी लम्हों में सिमट जाएगी
रूह टुकड़ों में बँट जाएगी

आज फिर तन्हाई साथ लाई उन्हें
आज फिर नींद उचट जाएगी

अब तुम आ ही गए खयालों में
रात उदासी में ही कट जाएगी

शाम आई चमक उठी यादें
तन्हाई सीने से लिपट जाएगी

जरा आके तोड़ ही दो दिल को
धुंध ये इश्क की छट जाएगी

आज भी दिल को इक उम्मीद सी है
लेखनी किस्मत की पलट जाएगी

इतनी हल्की नहीं है चोट मेरी
के बस मरहम से ही घट जाएगी

तुम भी मुझको कोई बद्‍दुआ दे दो
मौत दो पल को तो हट जाएगी

नहीं मालूम था उसे बचाने में
कश्ती मेरी ही उलट जाएगी।

Show comments

भारत के विभिन्न नोटों पर छपीं हैं देश की कौन सी धरोहरें, UNESCO विश्व धरोहर में हैं शामिल

लोहे जैसी मजबूत बॉडी के लिए इन 5 आयरन से भरपूर फूड्स को अभी करें अपनी डाइट में शामिल

क्या हमेशा मल्टी ग्रेन आटे की रोटी खाना है सेहतमंद, जान लें ये जरूरी बात

7 चौंकाने वाले असर जो खाना स्किप करने से आपकी बॉडी पर पड़ते हैं, जानिए क्या कहती है हेल्थ साइंस

मानसून में डेंगू के खतरे से बचने के लिए आज ही अपना लें ये 5 आसान घरेलू उपाय

मंगलवार सुविचार: Tuesday Quotes in Hindi

डॉक्टर ने किया है ज्यादा पानी पीने से मना? खाएं ये 5 फूड्स जिनसे नहीं लगेगी बार-बार प्यास

सुबह खाली पेट भूलकर भी न खाएं ये 7 चीजें, बढ़ सकती है एसिडिटी और पाचन की परेशानी

बॉडी पर तिल क्यों निकलता है? जानिए इसके पीछे छुपे साइंटिफिक और स्किन से जुड़े राज

भारत के इन राज्यों में अल्पसंख्यक हैं हिंदू? जानिए देश के किस राज्य में सबसे कम है हिन्दू आबादी