पलकों की झीनी झालर पर

फाल्गुनी

Webdunia
ND
पलकों की झीनी झालर पर
जब-जब अटकता है
तुम्हारी यादों का नन्हा आँसू
तब-तब
मेरे मन की अमराइयों से
आती है
उस कोयल की तड़पती आवाज
जो तुम्हारे साथ के बीते मौसम में
कुहूकती थी
मेरे मीठे कंठ में,
बैठा है आज कोयल का कंठ
और तुम्हारी सुगंधित बातों के
उलझे हुए झुरमुट से वह
झाँक रही बेबस।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पुनर्जन्म के संकेतों से कैसे होती है नए दलाई लामा की पहचान, जानिए कैसे चुना जाता है उत्तराधिकारी

हिंदू धर्म से प्रेरित बेबी गर्ल्स के अ से मॉडर्न और यूनिक नाम, अर्थ भी है खास

बिना धूप में निकले कैसे पाएं ‘सनशाइन विटामिन’? जानिए किन्हें होती है विटामिन डी की कमी?

क्या दुनिया फिर से युद्ध की कगार पर खड़ी है? युद्ध के विषय पर पढ़ें बेहतरीन निबंध

शेफाली जरीवाला ले रहीं थीं ग्लूटाथियोन, क्या जवान बने रहने की दवा साबित हुई जानलेवा!

सभी देखें

नवीनतम

खाली पेट पेनकिलर लेने से क्या होता है?

बेटी को दीजिए ‘इ’ से शुरू होने वाले ये मनभावन नाम, अर्थ भी मोह लेंगे मन

चातुर्मास: आध्यात्मिक शुद्धि और प्रकृति से सामंजस्य का पर्व

कॉफी सही तरीके से पी जाए तो बढ़ा सकती है आपकी उम्र, जानिए कॉफी को हेल्दी बनाने के कुछ स्मार्ट टिप्स

खाने में सफेद नमक की जगह डालें ये 5 चीजें, मिलेगा परफेक्ट और हेल्दी टेस्ट