बेटी : मेरे आंगन की रंगोली

किरण विश्वनाथ जोशी

Webdunia
ND


सच्ची लगन,
कर्मनिष्ठा और निरंतर प्रयास से
उच्च शिखर पर बढ़ती रहो,

अपनी लक्ष्म ण- रेखा
स्वयं खींच कर
मान-सम्मान की गरिमामयी
घृत दीपज्योति,
पवित्र आगंन की श्याम तुलसी,
चौरे की राम तुलसी जैसी मर्यादित,
सागर सी गंभीरता,
आकाश की विशालता,
नभ में अरुंधति-सी चमकती रहो,

मेरे आंगन में हल्दी-कुंकू की रंगोली
सदा तुम दमकती रहो,

मेरे पावन संस्कारों में पली
चेहरे पर मर्यादा-मोहिनी सजाए
सदा तुम च हकती रहो,

मां गौरी का केशर-चंदन,
भस्मी बाबा भोलेनाथ की
हमेशा सुख के आशीषों से सराबोर रहो,

रिमझिम सावन की मधुर फुहारों से
निशदिन भीगती रहो,

माता-पिता के आत्मसम्मान की रजनीगंधा
मेरे मन की क्यारी में रोज-रोज महकती रहो...
मेरी बेटी, सदा तुम खुश रह ो...!
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या पीरियड्स से पहले आपको भी लगती है ज्यादा भूख, जानिए कारण

क्या एक वक्त ऐसा भी आएगा जब भारत 'गायब' हो जाएगा?

क्या पुरुषों को महिलाओं से अधिक पानी की होती है जरूरत, जानिए क्या है कारण

क्या शादियों में तेज डीजे के साउंड से आ रहे हैं अटैक? जानिए डीजे की आवाज और हार्ट अटैक में क्या है सम्बन्ध

जानिए अल्कोहल वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स की सच्चाई, कितने हैं आपकी त्वचा के लिए सेफ

सभी देखें

नवीनतम

शेगांव के श्री गजानन महाराज के बारे में 5 रोचक बातें

इस ग्रीन जूस से मिलेंगे एक साथ तीन फ़ायदे, वेट कम करने के साथ हेयर और स्किन के लिए भी है फायदेमंद

बालों के लिए वरदान है नीम का पानी, इस तरीके से इस्तेमाल करने से मिलेंगे अद्भुत फायदे

पिघल रही है अमेरिका और रूस के बीच की बर्फ, क्यों डरे हुए हैं जेलेंस्की

चेहरे पर बॉडी लोशन लगाने से हो सकते हैं ये नुकसान, जानिए कैसे करें चेहरे की त्वचा की देखभाल