मीठी अनुभूतियों से भरी तुम

इवान बूनिन

Webdunia
1933 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित इवान बूनि न (1870-1953) रूसी कविता के एक प्रमुख कवि व कहानीकार माने जाते हैं। उनका जीवन काफ़ी उथल-पुथल भरा रहा। रूस में हुई अक्टूबर क्रांति के बाद वे रूस छोड़कर पेरिस में जा बसे और वहीं उनका निधन हुआ। सोवियत सत्ता के काल में रूस में उनकी कविताएँ लगभग प्रकाशित नहीं हुईं, लेकिन पेरेस्त्रोइका के बाद आज तक उनकी पुस्तकें करोड़ों की संख्या में छपी हैं।

मीठी अनुभूतियों से भरी तुम

NDND
तुम्हारा हाथ
अपने हाथ में लेता हूँ
और फिर देर तक उसे
ध्यान से देखता रहता हूँ

मीठी अनुभूतियों से भरी तुम
आँखें झुकाए बैठी हो

इन हाथों में
तुम्हारा सारा जीवन
समाया हुआ है

महसूस कर रहा हूँ मैं
तुम्हारे शरीर की अगन
और डूब रहा हूँ
तुम्हारी आत्मा की गहराइयों में

और भला क्या चाहिए?
सुखद हो सकता है क्या जीवन
इससे अधिक?

प र, ओ परी विद्रोही!
हम परवानों पर झपटने वाला तूफ़ान
सनसना रहा है जो दुनिया के ऊपर
मौत का संदेश लेकर।

Show comments

भारत के विभिन्न नोटों पर छपीं हैं देश की कौन सी धरोहरें, UNESCO विश्व धरोहर में हैं शामिल

लोहे जैसी मजबूत बॉडी के लिए इन 5 आयरन से भरपूर फूड्स को अभी करें अपनी डाइट में शामिल

क्या हमेशा मल्टी ग्रेन आटे की रोटी खाना है सेहतमंद, जान लें ये जरूरी बात

7 चौंकाने वाले असर जो खाना स्किप करने से आपकी बॉडी पर पड़ते हैं, जानिए क्या कहती है हेल्थ साइंस

मानसून में डेंगू के खतरे से बचने के लिए आज ही अपना लें ये 5 आसान घरेलू उपाय

मंगलवार सुविचार: Tuesday Quotes in Hindi

डॉक्टर ने किया है ज्यादा पानी पीने से मना? खाएं ये 5 फूड्स जिनसे नहीं लगेगी बार-बार प्यास

सुबह खाली पेट भूलकर भी न खाएं ये 7 चीजें, बढ़ सकती है एसिडिटी और पाचन की परेशानी

बॉडी पर तिल क्यों निकलता है? जानिए इसके पीछे छुपे साइंटिफिक और स्किन से जुड़े राज

भारत के इन राज्यों में अल्पसंख्यक हैं हिंदू? जानिए देश के किस राज्य में सबसे कम है हिन्दू आबादी