सारे मंज़र देख लिए

विलास पंडित 'मुसाफ़िर'

Webdunia
ND
यारों के घर देख लिए
सारे मंज़र देख लिए,

जो भी थे बुनियाद में शामिल
वो भी पत्थर देख लिए,

मय तो पानी जैसी पी
ग़म भी पीकर देख लिए,

आँसू की सौगात ही पाई
खुलके हँसकर देख लिए,

किसके पास है कितना दिल
भटके दर-दर देख लिए,

काँटों का तोहफा देते हैं
फूल से पैकर देख लिए,

एक 'मुसाफ़िर' ही तनहा था
बाक़ी शायर देख लिए।
Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?