तथास्तु

Webdunia
- चंद्रा र. देवत

भगवान का दरबार लगा था। सभी लोगों ने उनसे विभिन्न प्रार्थनाएँ की थीं। एक-एक कर वे उनके सामने प्रस्तुत की जा रही थीं। एक सेठ की प्रार्थना सुनकर परमात्मा को बड़ा आश्चर्य हुआ।

उसने कहा, 'हे भगवान दुःख के दिनों में आप मेरा साथ देना। गरीबी आए तो मेरी मदद करना।' चकित परमात्मा ने अपने सचिव से पूछा, 'यह तो बड़ा सुखी-संपन्न सेठ है न?' 'जी प्रभु!'

सचिव ने पुष्टि की, 'भरापूरा घर है इसका। बेटे-बेटी, नाती-पोते, धन-दौलत, ऐश्वर्य, आपसी प्रेम, मान-मर्यादा सब प्रकार के सांसारिक सुख हैं। दान-धर्म, कर्मकांड में भी पीछे नहीं।'
  चकित परमात्मा ने अपने सचिव से पूछा, 'यह तो बड़ा सुखी-संपन्न सेठ है न?' 'जी प्रभु!' सचिव ने पुष्टि की, 'भरापूरा घर है इसका। बेटे-बेटी, नाती-पोते, धन-दौलत, ऐश्वर्य, आपसी प्रेम, मान-मर्यादा सब सांसारिक सुख हैं। दान-धर्म, कर्मकांड में भी पीछे नहीं।      


भगवान ने निःश्वास ली, 'फिर तो इसकी प्रार्थना स्वीकार करनी पड़ेगी मुझे। तुम ऐसा करो, इसके लिए दुःख व गरीबी का बंदोबस्त करो ताकि मैं इसकी मदद कर सकूँ।'

इसीलिए कहा गया है- सकारात्मक सोचो, सकारात्मक बोलो और हर अच्छे-बुरे के लिए परमात्मा का धन्यवाद करो।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पैसा लो और स्वीडन से जाओ, प्रवासियों को दिए जाएंगे 34000 डॉलर

Vastu Tips: घर के वास्तु का जीवन पर प्रभाव पड़ता है या नहीं?

इन टिप्स को अपनाने से आपके बच्चों के साथ हमेशा अच्छे रहेंगे रिलेशन, बहुत काम की हैं ये बातें

सोते समय क्या बालों को बांधकर रखना है सही, जानिए है बालों की सेहत के लिए राइट चॉइस

इस फल के साथ इसके बीज भी हैं सेहत के लिए वरदान, जानिए फ़ायदे और इस्तेमाल के तरीके

सभी देखें

नवीनतम

हिन्दी कविता : पतंग हूं मैं..

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का प्रथम समाधि स्मृति दिवस

पुण्यतिथि विशेष : कैसे मिला था सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को भारतीय संसद में सम्मान? जानिए उनके जीवन के 15 अनसुने किस्से, जो आपको नहीं पता होंगे

दादा धनीराम कौन थे, जानें उनके कार्य

क्या है पैराडॉक्सिकल इंसोम्निया? जानें कारण और लक्षण