तर्क

लघुकथा

Webdunia
- बिन्दु मेहता

आज फिर आपने सबके सामने भाभीजी की तारीफों के पुल पर पुल बाँधकर मुझे नीचा दिखाया ना। उनकी बनाई हर चीज आपको टेस्टी, स्वादिष्ट लगती है और मैं जो इतनी सारी नई-नई चीजें आपकी पसंद की बनाती हूँ मेरी तो कभी तारीफ नहीं करते।

" अरे! श्रीमतीजी नाराज मत होओ, जब तुम टाइम बे-टाइम मायके चली जाती हो न, तो जेब खर्च बचाने के लिए अगर किसी के आगे थोड़े बोल खर्च कर नाश्ता, खाना मिल जाए तो इसमें हर्ज क्या है?" मीठे से तर्क के साथ पतिदेव ने बात खत्म कर डाली।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

76वां गणतंत्र दिवस : कर्तव्य पथ की परेड से लेकर बीटिंग रिट्रीट तक, जानिए भारतीय गणतंत्र की 26 अनोखी बातें

Republic Day Parade 2025: वंदे मातरम् और जन गण मन में क्या है अंतर?

तन पर एक भी कपड़ा नहीं पहनती हैं ये महिला नागा साधु, जानिए कहां रहती हैं

Republic Day 2025 : गणतंत्र दिवस के निबंध में लिखें लोकतंत्र के इस महापर्व के असली मायने

76th Republic Day : गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन में निबंध

सभी देखें

नवीनतम

अहिल्या पथ के अनुगामी प्रदेश के मोहन

भागवत के वक्तव्य पर विवाद जो कहा नहीं

इन रेसिपीज से बनाएं गणतंत्र दिवस को यादगार, अभी नोट करें 5 खास डिशेज

आज का नया चुटकुला : गणतंत्र दिवस का मतलब क्या होता है?

26 जनवरी पर स्कूल में कैसे और क्या करें प्रस्तुति