कल मां की नजर उसके पैरों पर पड़ी। उसके पैर लाल थे। देख कर ऐसा लग रहा था जैसे गर्मी में नंगे पैर चलने के कारण उसे फफोले पड़ गए हैं। चेहरे पर वही मुस्कान, दर्द की शिकन तक नहीं। मां ने उसे कहा इतनी गर्मी में नंगे पैर घूमती हो, मैं तुम्हें चप्पल दे देती हूं।
मुस्कुराते हुए मां से बोली, नहीं भाभी, मेरी बेटी पेट से हैं, उसकी पहले ही दो लड़कियां हैं, इस बार मैंने मन्नत मांगी है भगवान से, उसे बेटा हो जाए..उसका परिवार भी पूरा हो जाएगा और ससुराल मे ं उसकी इज्जत भी बढ़ जाएग ी... मां चुपचाप आश्चर्य से उसे देखती रह गई।