लड़के वालों के जाते ही उन्होंने पति से अपनी भड़ास निकालनी शुरू कर दी - ' क्या जमाना आ गया है! कैसे लालची लो ग, बाप रे बाप!
कमाऊ लड़का न हुआ कोई बिकाऊ सामान हो गया। सीधे-सीधे कैसे कहें कि दहेज चाहि ए, समाज में नाक लगाए जो घूमते हैं।
पर घुमा फिरा कर सब सुना ग ए, हमने तो अपनी बेटी के नाम पर इतना 'कै श' फिक्स डिपॉजिट कराय ा, सगाई में कार गिफ्ट क ी, शादी के बाद स्विट्जरलैंड की एयर टिकट बुक करा ई, अरे! अपनी लड़की को दिया तो हमें बताने की क्या जरूरत ह ै? साफ बात है कि उन्हें भी इतना ही चाहिए। ऐसा ही है तो सीधे-सीधे एक लिस्ट क्यों नहीं थमा देते कि इतना चाहिए ।'
तभी 'लिस् ट' शब्द से उन्हें कुछ याद आ गया। 'अरे हां सुन ो, बहू के मायके फोन करना है कल उसकी पहली करवा चौथ है न! उसके भाई को पूरी 'लिस् ट' लिखवा देना जो मैंने बनाकर रखी है और हां कह देना कि सामान ऐसा हो कि हमारी नाक न कटे और ठीक वक्त पर सब कुछ पहुँच जाए ।'