विक्षिप्त कौन?

लघुकथा

Webdunia
ज्योति जै न
NDND
वो पगली नाम के चिथड़ों में चौराहे, नुक्कड़, गली में भटकती रहती। सभी कहते थे वह अर्धविक्षिप्त है। न जाने किस काली घड़ी में किसी की पाशविकता के चलते, हर पाप से अनभिज्ञ उस अधपगली का उदर उभर आया।

उसे देख शीला के मन में यकायक एक विचार कौंध उठा,' वो तो अर्धविक्षिप्त है लेकिन जिसने यह पशुवत हरकत की क्या वो जान बूझकर पाप करने वाला पूर्णविक्षिप्त नहीं रहा होगा?

Show comments

Diet Tip : कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए इन 5 तरीकों से खाएं अदरक, दिल की सेहत के लिए है गुणकारी

गर्भावस्था में क्यों बनी रहती है पैरों में सूजन, जानिए कारण और उपचार

नहाने के पानी में मिला लें ये सफेद चीज, खिल उठेगी स्किन और भी हैं कई फायदे

रोज की बाल झड़ने की समस्या से हैं परेशान? हफ्ते में सिर्फ 1 बार लगाएं ये आयुर्वेदिक हेयर मास्क और पाएं राहत

Sleeping Tips : सोने से पहले इन तरीकों से करें मेडिटेशन, मिनटों में दूर होगी नींद न आने की समस्या

हिन्दी कविता : स्मृतियां अनिमेष

रामसरूप के बहाने कहानी हमारे समाज का 360 डिग्री एंगल

रहस्यवादी और आध्यात्मिक गुरु, अवतार मेहर बाबा की पुण्यतिथि

इन टिप्स को अपनाने से आपके बच्चों के साथ हमेशा अच्छे रहेंगे रिलेशन, बहुत काम की हैं ये बातें

सोते समय क्या बालों को बांधकर रखना है सही, जानिए है बालों की सेहत के लिए राइट चॉइस