बहुत से लोगों के पास अपने बाप दादाओं की संपत्ति होगी। बहुत से लोगों के पास अवैध तरीके से कमाई गई संपत्ति होगी। बहुत से लोग चाहते होंगे कि हमें कहीं से मुप्त की संपत्ति या धन मिल जाए। यह कहानी उन्हीं लोगों के लिए है।
किसी गांव में एक धनवान रहता था। उसके पास काफी धन-संपत्ति थी, मगर उसका कोई वारिस नहीं था। तब उसने गांव में घोषणा करवा दी कि जो व्यक्ति दिन-रात उसका गुणगान करेगा, उसे वह अपनी सारी संपत्ति दे देगा। यह सुनते ही गांव में हर जगह लोग उसका गुणगान करने लगे, लेकिन एक युवक ऐसा भी था, जिसे इन सबसे कोई मतलब नहीं था।
जब उस धनवान को उसके बारे में पता चला तो वह उत्सुकतावश उसके पास पहुंच गया। युवक एक झोपड़ी में रहता था। जहां वह चित्रकारी कर रहा था। धनवान ने उससे पूछा- क्या तुम्हें मालूम नहीं कि जो मेरा गुणगान करेगा उसे मैं अपना वारिस बनाऊंगा।
युवक बोला- क्षमा करें, आपकी संपत्ति का मेरे लिए कोई मोल नहीं है। मुझे ईश्वर की कृपा और मेरी मेहनत से जो भी मिला है, उसी में मुझे संतोष है। मैं आपका झूठा गुणगान करके स्वयं की नजरों में नहीं गिरना चाहता। धनवान उससे बेहद प्रभावित हुआ। उसने कहा- मैं ऐसे ही व्यक्ति की तलाश में था। तुम ही मेरे वारिस बनोगे।
तब युवक ने कहा- नहीं जनाब। अपने द्वारा अर्जित संपत्ति और धन में जो आनंद मिलता है वह मुफ्त में दी गई संपत्ति और धन में नहीं। आप अपनी संपत्ति को किसी मंदिर में दान कर दें।
- ओशो रजनीश के प्रवचनों से साभार