वो नई औरत है

लघुकथा

Webdunia
- उर्मि कृष्ण
WDWD
पति की मृत्यु पर उसने चूड़ी, बिछिया उतार देने से साफ इंकार कर दिया। वहाँ उपस्थित सभी औरतें सकते में आ गईं। दुख की इस घड़ी में भी औरतों का कानाफूसी साफ सुनाई पड़ रही थी। एक बुजुर्ग महिला उसे एकांत में ले जाकर समझाने लगी - बहू पति की मृत्यु के संग चूड़ी, बिंदी उतार देने की परंपरा है। हम बिरादरी में क्या मुँह दिखाएँगे।

- बुआ आत्मा अमर है। तुम सब हर क्षण राग अलापते रहते हो। उसने धीमे से कहा।

- हाँ सो तो है ही।

- फिर उसकी अमर आत्मा के लिए मैं सब कुछ पहने रखूँगी। ये सब मेरे प्रिय को प्रिय थे । इन्हें उतारकर मैं उनकी आत्मा नहीं दुखाना चाहती।

- बहू मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ। ये हमारे धर्म के रिवाज हैं।

- बुआ थोथे रिवाजों को क्यों बाँधकर रखा जाए।

- तुझे सुहाग के लुट जाने का गम नहीं है क्या बहू?

मेरे दुख को तुम्हारे रिवाज नहीं समझ सकेंगे। मैं दुख का प्रदर्शन नहीं करना चाहती बुआ जी। उसकी भीगी आवाज में दृढ़ता थी।

बुआ ने कानाफूसी करती औरतों के बीच आकर कहा -

वो नई औरत है, हमार का सुने।

Show comments

वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे

तपती धूप से घर लौटने के बाद नहीं करना चाहिए ये 5 काम, हो सकते हैं बीमार

सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व

विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

समर में दिखना है कूल तो ट्राई करें इस तरह के ब्राइट और ट्रेंडी आउटफिट

Happy Laughter Day: वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन

संपत्तियों के सर्वे, पुनर्वितरण, कांग्रेस और विवाद

World laughter day 2024: विश्‍व हास्य दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में