Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(संकष्टी चतुर्थी)
  • तिथि- चैत्र कृष्ण तृतीया
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-श्री गणेश संकष्टी चतुर्थी
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

अगहन मास में करें गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ, मिलेगी हर तरह के कर्ज से मुक्ति

हमें फॉलो करें अगहन मास में करें गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ, मिलेगी हर तरह के कर्ज से मुक्ति
शास्त्रों के अनुसार अगहन मास में गजेन्द्र मोक्ष, विष्णु सहस्त्रनाम तथा श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का पाठ पढ़ने की बहुत महिमा मानी गई है, क्योंकि मार्गशीर्ष (Margashirsha Maas) को भगवान श्री कृष्ण का महीना माना गया है। इस माह गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र पढ़ने मात्र से हर तरह के ऋण या कर्ज से मुक्ति मिलती है, वहीं 10 दिशाओं से शुभ फल दिलाने में सक्षम है। 
 
मार्गशीर्ष इस मास में श्रीमद्‍भागवत ग्रंथ को देखने भर की विशेष महिमा बताई गई है। मान्यतानुसार इसे अगहन माह में दिन में 2-3 बार अवश्य पढ़ना चाहिए। स्कंद पुराण के अनुसार घर में अगर भागवत हो तो इस माह में दिन में एक बार उसको प्रणाम जरूर करना चाहिए। यहां पढ़ें गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र (gajendra moksha stotra) पवित्र पाठ- 
 
गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र gajendra moksha stotra
 
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
गज और ग्राह लड़त जल भीतर, लड़त-लड़त गज हार्यो।
जौ भर सूंड ही जल ऊपर तब हरिनाम पुकार्यो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
 
 
शबरी के बेर सुदामा के तन्दुल रुचि-रु‍चि-भोग लगायो।
दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
 
 
पैठ पाताल काली नाग नाथ्‍यो, फन पर नृत्य करायो।
गिर‍ि गोवर्द्धन कर पर धार्यो नन्द का लाल कहायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
 
 
असुर बकासुर मार्यो दावानल पान करायो।
खम्भ फाड़ हिरनाकुश मार्यो नरसिंह नाम धरायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
 
अजामिल गज गणिका तारी द्रोपदी चीर बढ़ायो।
पय पान करत पूतना मारी कुब्जा रूप बनायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। 

 
कौर व पाण्डव युद्ध रचायो कौरव मार हटायो।
दुर्योधन का मन घटायो मोहि भरोसा आयो ।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
 
सब सखियां मिल बन्धन बान्धियो रेशम गांठ बंधायो।
छूटे नाहिं राधा का संग, कैसे गोवर्धन उठायो ।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
 
योगी जाको ध्यान धरत हैं ध्यान से भजि आयो।
सूर श्याम तुम्हरे मिलन को यशुदा धेनु चरायो।।
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कब है सूर्य का Scorpio में गोचर, क्या दान करने से बदल जाएंगे दिन, क्या होगा असर?