रामभक्त हनुमानजी के जन्म की कहानी

Webdunia
हनुमानजी की जन्म कथा


 
 
सूर्य के वर से सुवर्ण के बने हुए सुमेरु में केसरी का राज्य था। उसकी अति सुंदरी अंजना नामक स्त्री थी। एक बार अंजना ने शुचिस्नान करके सुंदर वस्त्राभूषण धारण किए। उस समय पवन देव ने उसके कर्णरन्ध्र में प्रवेश कर आते समय आश्वासन दिया कि तेरे यहां सूर्य, अग्नि एवं सुवर्ण के समान तेजस्वी, वेद-वेदांगों का मर्मज्ञ, विश्वन्द्य महाबली पुत्र होगा और ऐसा ही हुआ भी।
 
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी की महानिशा में अंजना के उदर से हनुमानजी उत्पन्न हए। दो प्रहर बाद सूर्योदय होते ही उन्हें भूख लगी। माता फल लाने गई। इधर लाल वर्ण के सूर्य को फल मान कर हनुमान जी उसको लेने के लिए आकाश में उछल गए।
 
उस दिन अमावस्या होने से सूर्य को ग्रसने के लिए राहु आया था, किंतु हनुमानजी को दूसरा राहु मान कर वह भाग गया। तब इंद्र ने हनुमानजी पर वज्र-प्रहार किया। उससे इनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई, जिससे ये हनुमान कहलाए। 
 
इंद्र की इस दृष्टता का दंड देने के लिए पवन देव ने प्राणि मात्र का वायु संचार रोक दिया। तब ब्रह्मादि सभी देवों ने हनुमान को वर दिए। ब्रह्माजी ने अमितायु का, इंद्र ने वज्र से हत न होने का, सूर्य ने अपने शतांश तेज से युक्त और संपूर्ण शास्त्रों के विशेषज्ञ होने का, वरुण ने पाश और जल से अभय रहने का, यम ने यमदंड से अवध्य और पाश से नाश न होने का, कुबेर ने शत्रुमर्दिनी गदा से निःशंख रहने का, शंकर ने प्रमत्त और अजेय योद्धाओं से जय प्राप्त करने का और विश्वकर्मा ने मय के बनाए हुए सभी प्रकार के दुर्बोध्य और असह्य, अस्त्र, शस्त्र तथा यंत्रादि से कुछ भी क्षति न होने का वर दिया।
 
इस प्रकार के वरों के प्रभाव से आगे जाकर हनुमानजी ने अमित पराक्रम के जो काम किए, वे सब हनुमानजी के भक्तों में प्रसिद्ध हैं और जो अश्रुत या अज्ञात हैं, वे अनेक प्रकार की रामायणों, पद्म, स्कन्द और वायु आदि पुराणों एवं उपासना-विषय के अगणित ग्रंथों से ज्ञात हो सकते हैं।
Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन