गोस्वामी तुलसीदास : रामचरितमानस के रचयिता

एमके सांघी
रामचरितमानस रचने में,
क्या-क्या शोध किया होगा?
 
पूज्य तुलसीदासजी आपने,
स्वयं को होम किया होगा।
 
रात-रातों को जागे होंगे,
दिनों में भी आराम न किया होगा।
थकित शरीर, दुःखित चरणों को,
क्या कोई सेवक मिला होगा?
 
समय पर भोजन न किया होगा,
नदी तट पर होकर भी न जल पिया होगा।
राम प्रेम के आवेगों से,
संचित जल भी अंखियों से बहा होगा।
 
सूख गया होगा मुख, खो गई होगी सुध,
निश्चल मन राम में रमा होगा।
बूंद-बूंद से भरे सरोवर,
उसी तरह आपने रामचरित रचा होगा।
 
रामचरित का हर प्रसंग,
जीवन रस मन में उतरा होगा।
वही जीवन रस चौपाईयां बनकर,
आपकी कलम से बह निकला होगा।
 
मानस की स्वरचित पंक्तियों को,
आपने कई-कई बार पढ़ा होगा।
आज सब मगन मुग्ध हो जाते हैं पढ़कर,
आपका तो रोम-रोम खिला होगा।
 
पर आपको कुछ न मालूम होगा,
आप तो राममय हो गए होंगे।
चौपाई, छंद व दोहों की दुनिया में,
बस जाकर के खो गए होंगे।

 
आपके इस महाग्रंथ की राम कहानी,
तो बस जानते होंगे श्री राम।
श्री गुसांई आपको शत-शत नमन,
जन्मदिवस पर बारंबार शत-शत प्रणाम। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

क्या होगा अरविंद केजरीवाल का राजनैतिक भविष्य? क्या कहते हैं उनकी कुंडली के सितारे?

होली पर चंद्र ग्रहण से किन 3 राशियों पर होगा इसका नकारात्मक प्रभाव?

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सभी देखें

धर्म संसार

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

ब्रज की होली के 5 सबसे लोकप्रिय गीत

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

अगला लेख