तुलसी के पौधे के पास शिवलिंग या गणेशमूर्ति रखना चाहिए या नहीं?

WD Feature Desk
बुधवार, 27 मार्च 2024 (16:15 IST)
Tulsi And Shivling: पत्थर का एक छोटा सा शिवलिंग जो हम किसी पौधे के पास गमले में रखा हुआ देखते हैं। कई बार यह तुलसी के पौधे के पास भी रखा हुआ नजर आ जाता है। मंदिर में यदि तुलसी का पौधा लगा है तो कुछ लोग यहां छोटा सा शिवलिंग रख देते हैं। तुलसी के पौधे के पास शिवलिंग को रखना अच्छा होता है या नहीं।
 
शिवलिंग : तुलसी के पास भूलकर भी शिवलिंग नहीं रखते हैं। तुलसी पहले वृंदा के रूप में जालंधर की पत्नी थी, जिसका शिवजी ने वध किया था। वृंदा इससे दु:खी होकर बाद में तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए भगवान शिव को उन्होंने अपने आलौकिक और देवीय गुणों वाले तत्वों से वंचित कर दिया। दूसरा भगवान विष्णु ने तुलसी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है इसलिए भी शिवलिंग को तुलसी के पास नहीं रखते हैं और शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाते चाहिए।
 
गणेशमूर्ति : पौराणिक कथा के अनुसार देवी तुलसी ने जब गणपति को देखा तो उन्होंने उनसे शादी का अनुरोध किया। गणेशजी ने इससे इनकार कर दिया। रुष्ठ होकर तुलसी ने गणेशजी को श्राप दिया कि आपकी दो शादियां होंगी। यही कारण है कि तुलसी के पौधे के पास गणेशजी की मूर्ति भी नहीं रखते हैं। 
 
शालिग्राम : तुलसी के पौधे के बाद श्रीहरि का विग्रह रूप शालिग्राम रख सकते हैं। इसके अलावा माता लक्ष्मी की मूर्ति भी रख सकते हैं। श्रीहरि से संबंधित वस्तुओं को रख सकते हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Nanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती? जानें कैसे मनाएं प्रकाश पर्व

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

शमी के वृक्ष की पूजा करने के हैं 7 चमत्कारी फायदे, जानकर चौंक जाएंगे

Kartik Purnima 2024: कार्तिक मास पूर्णिमा का पुराणों में क्या है महत्व, स्नान से मिलते हैं 5 फायदे

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: अपनी राशिनुसार आजमाएं आज यह शुभ उपाय, पढ़ें 15 नवंबर का भविष्यफल

कार्तिक पूर्णिमा देव दिवाली की पूजा और स्नान के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और आरती सहित मंत्र

15 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

15 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Geeta: महाभारत काल में श्री कृष्ण ने क्या सिर्फ अर्जुन को ही गीता का ज्ञान दिया था?

अगला लेख