कर्मों का ही फल है दुख-सुख

Webdunia
ND

मनुष्य का मन अभ्यास के वश में रहता है जिस को जैसा अभ्यास हो जाता है वह उसके अंतकाल तक रहता है। यदि भगवान के नाम का अभ्यास हो जाता है तो जीवन का अंत होने पर मनुष्य परम गति को प्राप्त होता है।

ऋषि मुनियों ने सर्वप्रथम मन की वृत्तियों को वश में करने को इसीलिए कहा है कि इन्द्रियों का जाता मन ही है यदि वह संसार की वासनाओं में लग जाएगा तो मनुष्य को कहीं का नहीं छोड़ता। इन्द्रियों में लगाम लगाने के लिए मन पर सर्वप्रथम अंकुश लगाना होगा। यह तभी संभव है जब मन में काम के स्थान पर विराजमान होंगे।

सामान्यतः लोगों के मुँह से यह सुनने में आता है कि हम कष्ट में है तो इसको देने वाला भी भगवान ही है, लेकिन ऐसा नहीं है दुनिया में व्यक्ति अपने कर्मों के कारण ही दुःख या सुख पाता है। भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कर्म, अकर्म और विकर्म के बारे में अर्जुन को समझाते हैं कि सबसे अधिक कष्टदायक विकर्मों अर्थात्‌ प्रकृति विरुद्ध कर्मों को फल होता है।

ND
भोग वृत्ति से मनुष्य पहले तो महाभोगी बनता है उसके बाद महाभोगी बनकर दुःखों से घिर जाता है। शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त कर लेने के बाद भी यदि विवेक की जागृति नहीं होती तो वह परिश्रम व्यर्थ चला जाता है। अतः विवेक की जागृति संत महापुरुषों की सन्निधि एवं स्वाध्याय से ही हो सकती है।

जिस तरह अँधेरे पर प्रकाश की जीत होती है, ठीक उसी तरह हमें भी अपने जीवन में अंधियारा मिटाते हुए प्रकाश की ओर अग्रसर होना चाहिए, ताकि हमारा जीवन भी प्रकाश की तरह उदयमान हो सके।

जिस तरह पानी की एक बूँद जमीन पर पड़ने से जमीन गिली होने लगती है, ठीक उसी तरह अच्छे विचार रखने से मनुष्य का मन भी पाप रहित हो जाता है। जिस तरह पानी की एक बूँद से आशा कि किरणें जागती हैं, ठीक उसी तरह परम सहितार्थ करने से मनुष्य को परम शांति का अनुभव होता है।

इसीलिए संत-महापुरुष भी भगवान के बताए गए मार्गों पर चलकर ही आमजन को गीता महात्म्य, रामकथा, हनुमान कथाओं आदि समस्त विषयों पर संत्सग करवाते हैं, ताकि लोगों द्वारा परामर्थ कार्य करने से लोगों का भला हो सके, खासतौर से वैसे लोग जिन्हें वास्तविकता में मदद की आवश्यकता है, उन्हें लोगों द्वारा लाभ मिल सके।

Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन