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पुनर्जन्म के संकेतों से कैसे होती है नए दलाई लामा की पहचान, जानिए कैसे चुना जाता है उत्तराधिकारी

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हमें फॉलो करें how dalai lama is selected

WD Feature Desk

, बुधवार, 2 जुलाई 2025 (15:20 IST)
who will be the next dalai lama: 6 जुलाई को दलाई लामा 90 साल के पूरे हो जाएंगे। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, धर्मशाला के मैकलोडगंज में उनके लिए तीन दिवसीय जन्मदिन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस भव्य आयोजन पर चीन की पैनी नजरें टिकी हुई हैं। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) के कई बड़े नेता दावा कर चुके हैं कि 90वें जन्मदिन पर दलाई लामा अपने उत्तराधिकारी का एलान कर सकते हैं। ऐसे में यह सवाल और भी प्रासंगिक हो जाता है कि आखिर दलाई लामा का उत्तराधिकारी कैसे चुना जाता है? आइए जानते हैं, दलाई लामा की खोज में क्या है पुनर्जन्म की मान्यता और कैसे मिलते हैं नए दलाई लामा?
 
दलाई लामा की खोज में पुनर्जन्म की मान्यता :
दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग संप्रदाय के आध्यात्मिक नेता हैं और उन्हें करुणा के बुद्ध, अवलोकितेश्वर का पुनर्जन्म माना जाता है। उनका चयन एक अत्यंत जटिल और पवित्र प्रक्रिया है, जो सदियों पुरानी परंपराओं और पुनर्जन्म के संकेतों पर आधारित है। यह प्रक्रिया किसी चुनाव या वंशानुगत उत्तराधिकार से बिल्कुल भिन्न है।
 
पुनर्जन्म की मान्यता और शुरुआती संकेत
तिब्बती बौद्ध मान्यता के अनुसार, दलाई लामा की मृत्यु के बाद उनकी आत्मा एक नए शरीर में पुनर्जन्म लेती है। इस पुनर्जन्म की पहचान के लिए कई संकेत देखे जाते हैं:
  • मृत्यु के बाद का समय: यह माना जाता है कि दलाई लामा की मृत्यु के लगभग 9 महीने बाद जन्मे बच्चे को ढूंढा जाता है। यह अवधि आत्मा को नया शरीर धारण करने और जन्म लेने के लिए आवश्यक मानी जाती है।
  • दलाई लामा के सपने और दृष्टांत: वर्तमान दलाई लामा अपनी मृत्यु से पहले अपने पुनर्जन्म के बारे में संकेत दे सकते हैं, जो अक्सर सपनों या दृष्टांतों के माध्यम से आते हैं।
  • ओरेकल और लामाओं की भविष्यवाणियां: तिब्बती बौद्ध धर्म में विभिन्न ओरेकल (दैवज्ञ) और उच्च लामाओं की भविष्यवाणियां भी नए दलाई लामा की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • पवित्र झीलों में दर्शन: कुछ पवित्र झीलों, जैसे कि ल्हामो लात्सो (Lhamo La-tso) में, खोज करने वाले लामाओं को भविष्य के दलाई लामा के जन्म स्थान या उनसे संबंधित संकेतों के दर्शन हो सकते हैं।
 
नए दलाई लामा की पहचान की प्रक्रिया
एक बार जब संभावित क्षेत्रों या परिवारों की पहचान हो जाती है, तो उच्च लामाओं की एक टीम उन बच्चों की खोज शुरू करती है जो इन संकेतों से मेल खाते हैं। इस प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं:
  • बच्चों का निरीक्षण: लामा उन बच्चों का गहन निरीक्षण करते हैं जिनमें दलाई लामा के पुनर्जन्म के लक्षण पाए जाते हैं। ये लक्षण अक्सर जन्म के निशान, शारीरिक विशेषताओं या असामान्य व्यवहार के रूप में हो सकते हैं।
  • पुश्तैनी वस्तुओं की पहचान: सबसे महत्वपूर्ण परीक्षणों में से एक है बच्चे को उन वस्तुओं की पहचान करने के लिए कहना जो पिछले दलाई लामा की थीं। इन वस्तुओं में उनकी माला, धार्मिक उपकरण, कपड़े या अन्य निजी सामान शामिल हो सकते हैं। इन वस्तुओं को अक्सर कुछ नकली वस्तुओं के साथ रखा जाता है, और बच्चे से सही वस्तुओं को चुनने की अपेक्षा की जाती है।
  • विशेष चिन्हों की जांच: बच्चे के शरीर पर ऐसे विशेष चिन्हों की भी जांच की जाती है, जो दलाई लामा के शरीर पर होने चाहिए, जैसे कि विशिष्ट कान या हाथों पर चिन्ह।
  • संवाद और व्यवहार: बच्चे के संवाद और व्यवहार पर भी ध्यान दिया जाता है। यह माना जाता है कि पुनर्जन्मित दलाई लामा में अपने पिछले जीवन की कुछ स्मृतियां या बुद्धिमत्ता हो सकती है।
 
सोने का कलश जो अब चीन के पास है
ऐतिहासिक रूप से, कभी-कभी दो या अधिक बच्चों में समान रूप से दलाई लामा के पुनर्जन्म के लक्षण पाए जाते थे। ऐसे मामलों में, सोने के कलश (Golden Urn) का उपयोग किया जाता था। इसमें संभावित उम्मीदवारों के नाम की पर्चियां डाली जाती थीं, और एक पवित्र समारोह के बाद एक पर्ची निकाली जाती थी। जिस बच्चे का नाम निकलता था, उसे दलाई लामा घोषित किया जाता था। 
 
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह कलश अब चीन के पास है। चीन सरकार ने तिब्बत पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के बाद से दलाई लामा के उत्तराधिकार की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है। वे अपनी पसंद के उम्मीदवार को मान्यता देना चाहते हैं, जिसे तिब्बती समुदाय स्वीकार नहीं करता।
 
नए दलाई लामा को लेकर भविष्यवाणी
वर्तमान दलाई लामा, तेनज़िन ग्यात्सो, ने स्वयं अपने उत्तराधिकार के बारे में कई बार बात की है। उन्होंने यह संभावना भी जताई है कि उनका पुनर्जन्म तिब्बत के बाहर हो सकता है, या यहां तक कि वे पुनर्जन्म की परंपरा को ही समाप्त करने का निर्णय ले सकते हैं। उनके 90वें जन्मदिन पर उनके संभावित उत्तराधिकारी के ऐलान की अटकलें इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह तिब्बती बौद्ध धर्म के भविष्य और चीन के साथ उनके संबंधों को प्रभावित कर सकता है। दलाई लामा का निर्णय उनके अनुयायियों के लिए सर्वोपरि है, और वे उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

 

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