why celebrate new year on 1st January : हर साल 1 जनवरी को 'नया साल' मनाया जाता है। और इस न्यू ईयर मनाने के पीछे बेहद दिलचस्प इतिहास है, जो कि रोमन देवता 'जेनस' के नाम पर वर्ष के पहले महीने जनवरी का नामकरण हुआ यह माना जाता है। जेनस को लैटिन शब्द में जैनअरिस कहा गया और इस तरह जेनस ही बाद में जेनुअरी बना और फिर हिन्दी में जनवरी के नाम से प्रचलित हो गया। भारत में इसका प्रचलन ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ। इसी तरह अन्य सभी 11 महीनों के बारे में भी उसका अपना अलग ही महत्व है। बता दें कि पूरी दुनिया में 1 जनवरी को ही नया साल मनाया जाता है। और जनवरी से शुरू हुआ यह नया साल दिसंबर पर जाकर खत्म होता है यानि 12 महीनों के बाद पुन: 1 जनवरी से नव वर्ष की शुरुआत हो जाती है तथा कैलेंडर बदल जाता है।ALSO READ: जनवरी माह 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट
Highlights
1 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं नया साल।
जानें 1 जनवरी की रोचक वजह और इतिहास।
जनवरी कैसे बना नए साल का पहला महीना।
तो आइए जानते हैं यहां एक जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल, क्यों खास है जनवरी माह...
01 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं नव वर्ष या नया साल : इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार एक (1) जनवरी को नववर्ष मनाने का चलन सन् 1582 ईस्वी के ग्रेगेरियन कैलेंडर के आरंभ के बाद हुआ। और ग्रेगेरियन कैलेंडर को पोप ग्रेगरी अष्टम ने सन् 1582 में तैयार किया था, जो कि दुनिया भर में प्रचलित है। पोप ने इसमें लीप ईयर का प्रावधान भी किया था।
इतिहास की जानकारी के अनुसार रोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन 45 ईसा पूर्व हुआ करता था, उस समय नूमा पोंपिलुस, जो कि रोम के तत्कालीन राजा थे, उनके समय रोमन कैलेंडर में 10 महीने का होता था, जिसमें साल में 310 दिन और सप्ताह में 8 दिन होते थे। फिर कुछ समय बाद नूमा पोंपिलुस ने इस कैलेंडर में बदलाव किया और जनवरी को कैलेंडर का पहला महीना माना। इस तरह 1 जनवरी को नया साल मनाने का चलन सन् 1582 ई. के ग्रेगेरियन कैलेंडर की शुरुआत के बाद हुआ, ऐसा माना जाता है। तब राजा नूमा पोंपिलस ने इसमें दो माह और जोड़ दिए जनवरी और फरवरी। और इस तरह साल में 12 महीने और 365 दिन हुए और इस तरह पूरा साल खत्म हो जाता है।
आपको बता दें कि सन् 1582 से पहले मार्च महीने से वसंत ऋतु पर नया साल शुरू होता था, लेकिन रोम के राजा नूमा के फैसले के बाद जनवरी से ही साल की शुरुआत मानी जाने लगी, इसके पीछे भी एक रोचक किस्सा है, यानि दरअसल पहले मार्च महीने का नाम रोमन देवता मार्स के नाम पर रखा गया था, जो युद्ध के देवता माने जाते थे और जनवरी रोमन देवता जेनस के नाम से लिया गया, जिनके 2 मुंह थे, जिसमें आगे वाला मुंह शुरुआत का तथा पीछे वाला मुंह अंत का माना जाता था और इस तरह राजा नूमा ने साल की शुरुआत के लिए देवता 'जेनस' का चयन किया और ऐसे में जनवरी नए साल का पहला महीना हो गया। तथा ग्रेगोरी कैलेंडर का पहला महीना जनवरी से शुरू हो गया और इसके दिनों की संख्या 31 होती है। और इस तरह भारत में भी रोमन कैलेंडर के मुताबिक 1 जनवरी को न्यू ईयर या नववर्ष धूम धाम से मनाया जाता है।ALSO READ: January horoscope 2025: नए साल का पहला माह जनवरी, मेष से लेकर मीन राशि वालों के लिए कैसा रहेगा?
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