Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

इंदौर नगर निगम के मेयर (महापौर)

Advertiesment
हमें फॉलो करें Indore Municipal Corporation
webdunia

अपना इंदौर

7 नवंबर 1956 का वह दिन था, जब इंदौर नगर निगम के पहले महापौर श्री ईश्वरचंद्र जैन बने। श्री जैन 1955 के निर्वाचन में वार्ड नं. 18 से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में पार्षद बने थे तथा श्रम शिविर से निकलने वाले समाचार पत्र 'जागरण' के संपादक भी थे। निगम विधान के अनुसार अक्टूबर 1957 तक निगम के नए निर्वाचन हो जाने चाहिए थे, जो नहीं हो सके और निगम परिषद विघटित कर दी गई तथा इंदौर कलेक्टर श्री नारायण सिंह को प्रशासक नियुक्त किया गया। फरवरी 1958 में श्री सिंह ने नए निर्वाचन कराए, जिसमें कामरेड होमी दाजी के नेतृत्व में गठित 'नागरिक मोर्चे' ने बहुमत हासिल किया।
 
नागरिक मोर्चे के महापौर (1958-1964-65) : मोर्चे के पहले महापौर श्री पुरुषोत्तम विजय बने जो तत्कालीन लोकप्रिय समाचार पत्र 'इंदौर समाचार' के संपादक थे। श्री विजय के बाद सर्वश्री प्रभाकर अड़सुले, बालकृष्ण गौहर, सरदार शेरसिंह, बी.बी. पुरोहित, आर.एन. जुत्शी (डेली कॉलेज के प्राचार्य), नारायणप्रसाद शुक्ला और भंवरसिंह भंडारी महापौर बने। कार्यकाल 1 वर्ष का होता था तथा बहुमत दल ही अपने में से किसी एक का महापौर पद के लिए नामांकन करता था।
 
1965 की परिषद और महापौर : इस बार निगम में कांग्रेस ने बहुमत प्राप्त किया। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता श्री लक्ष्मणसिंह चौहान को अपना मेयर चुना जो कि नई परिषद में 'एल्डरमेन' थे। इस दौर के दूसरे महापौर बने ख्यात वकील श्री लक्ष्मीशंकर शुक्ला। 1967-68 में महापौर बने श्री चांदमल गुप्ता। 1968 एवं 1969 में 2 बार निगम में प्रशासक की नियुक्ति हुई और 1969 में दोबारा श्री गुप्ता मेयर बने। इस परिषद के कार्यकाल के अंतिम महापौर थे श्री सुरेश सेठ (1969-70)।
 
अनेक न्यायिक प्रक्रियाओं में उलझा रहा नई निगम परिषद का गठन। इस बीच 1980 में एक नए राजनैतिक दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी का गठन हो चुका था। अंतत: 12 वर्षों के बाद फरवरी 1983 में नगर निगम के चुनाव हुए। भाजपा ने भी इसमें भाग लिया तथा 60 में से 32 सीटें जीतकर निगम में पहली बार एक पार्टी के रूप में खुद को स्थापित किया। कांग्रेस को 27 सीटें प्राप्त हुई थीं। होमी दाजी के जन मोर्चे से मात्र एक प्रत्याशी श्री लालचंद बागी (वार्ड 18) ही सफल रहे थे।
 
1983 की निगम परिषद के महापौर : पहली बार भाजपा ने नगर निगम में अपनी परिषद बनाई और भाजपा के पहले महापौर बनने का श्रेय प्राप्त हुआ था वरिष्ठ नेता श्री राजेंद्र धारकर (1983-84) को। धारकर के पश्चात सर्वश्री लालचंद मित्तल (1984-85), नारायणराव धर्म (1985-86) तथा श्री वल्लभ शर्मा (1986-87) महापौर बने। ये सभी जनसंघ के जमाने के नेता थे और इनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुए पार्टी ने उन्हें महापौर बनाया था।
 
फिर आया एक अंतराल : 1983 की परिषद का कार्यकाल खत्म होने के बाद 1994 में निगम के अगले निर्वाचन हो पाए। और तब से अब तक (2015) समयावधि में ही चुनाव होते आ रहे हैं,पर कुछ परिवर्तन अवश्य परिलक्षित हुए, मसलन- 'नगर का प्रथम पुरुष' अब इंदौर के मतदाता द्वारा प्रत्यक्षत: चुना जाने लगा। श्री कैलाश विजयवर्गीय (1999) जनता द्वारा चुने जाने वाले पहले महापौर थे। उन्होंने बहुकोणीय संघर्ष में कांग्रेस के श्री सुरेश सेठ को 1 लाख 54 हजार के बड़े अंतर से हराया था। 2004 में डॉ. उमाशशि शर्मा, 2009 में श्री कृष्णमुरारी मोघे तथा 2015 में श्रीमती मालिनी गौड़ मेयर चुनी गईं। संयोग से मतदाताओं द्वारा चुने गए सभी महापौर भाजपा के रहे।
 
कांग्रेस के श्री मधुकर वर्मा 1994 में महापौर बने थे, पर नगर निगम के अंदर। वैसे यह भी स्मरणीय है कि पिछले 4 निर्वाचनों में इंदौर ने भाजपा को ही नगर निगम में प्रतिष्ठित किया है। कांग्रेस की परिषद अंतिम बार 1994 में बनी थी। नगर के वार्डों की संख्या बढ़ी 1983 में 60 वार्ड थे, जो बढ़कर 69 हुए और 2015 में वार्डों की संख्या 85 पर पहुंच गई। एक विशेष परिवर्तन यह हुआ कि वार्डों का आरक्षण होने लगा और ऐसा आरक्षण सामान्य वर्ग, अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग महिला-पुरुष में होने लगा।
 
महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड 33 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत तक पहुंच गए। 1999 से शहर का प्रत्येक मतदाता 1 मत अपने क्षेत्र के प्रत्याशी को देता है और 1 मत महापौर पद के प्रत्याशी को। बहरहाल 1994 के बाद समयावधि में ही नगर निगम के निर्वाचन होते आ रहे हैं, न इसमें अंतराल आ रहा और न प्रशासक निगम की बागडोर संभाल रहे हैं।

नगर पालिक निगम : परिषदें और महापौर (1956-2015)
 
*निर्वाचन 1955 : परिषद कांग्रेस की, निगम के पहले महापौर ईश्वरचंद जैन (1956-57)।
 
*निर्वाचन 1958 : (1) परिषद नागरिक समिति की और महापौर, (2) पुरुषोत्तम विजय 1958, (3) प्रभाकर अड़सुले 1959, (4) बालकृष्ण गौहर 1959-60, (5) सरदार शेरसिंह 1960-61, (6) डॉ. बी.बी. पुरोहित 1961-62, (7) प्रो. आर.एन. जुत्शी 1962 (8) नारायणप्रसाद शुक्ला 1962-64, (9) भंवरसिंह भंडारी 1964-65।
 
*निर्वाचन 1965 : परिषद कांग्रेस की और महापौर (10) लक्ष्मणसिंह चौहान 1965-66, (11) लक्ष्मीशंकर शुक्ला 1966-67, (12) चांदमल गुप्ता 1967-68, (13) चांदमल गुप्ता 1969, (14) सुरेश सेठ 1969-70।
 
*1970 से 1982 तक इंदौर नगर निगम में प्रशासकों का युग रहा। इस कार्यकाल में निगम में 18 प्रशासक रहे।
 
*निर्वाचन 1983 : भाजपा की परिषद पहली बार बनी और महापौर (15) राजेंद्र धारकर 1983-84, (16) लालचंद मित्तल 1984-85, (17) नारायणराव धर्म 1985-86, (18) श्रीवल्लभ शर्मा 1986-87।
 
*निर्वाचन 1994 : परिषद कांग्रेस की और महापौर (19) मधुकर वर्मा 1995-99।
 
*निर्वाचन 1999 : दूसरी बार परिषद भाजपा की और महापौर (20) कैलाश विजयवर्गीय 1999-2004। इंदौर के मतदाताओं द्वारा सीधे निर्वाचित पहले महापौर।
 
*निर्वाचन 2004 : परिषद भाजपा की और महापौर (21) डॉ. उमाशशि शर्मा 2004-2009।
 
*निर्वाचन 2009 : परिषद भाजपा की और महापौर (22) कृष्णमुरारी मोघे 2009-2015।
 
*निर्वाचन 2015 : परिषद भाजपा की और महापौर (23) मालिनी गौड़ 2015 से 2020 तक।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नगर निगम निर्वाचन 1958