Biodata Maker

चटक रंगों से बचें

Webdunia
- सूर्यभानसिंह 'सूर्य'

WD
होली रंगों का त्योहार है और प्राचीनकाल से ही इस दिन रंगों का चलन रहा है। परंपरा से चले आ रहे इस पर्व में पहले प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल होता था। धीरे-धीरे इनकी जगह चटकीले संश्लेषित एवं रासायनिक रंगों का प्रचलन शुरू हो गया। इनसे सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ये हमारी त्वचा को भारी नुकसान पहुँचाते हैं।

सर्दी के किनारा करते ही ऋतुओं के राजा वसंत का आगमन होता है। सिहरन पैदा करती सुबह की मंद-मंद बयार शुरू हो जाती है और इसी के साथ आता है आपसी एकजुटता, खुशी और भाईचारे का महापर्व होली। स्नेह और संबंधों का प्रेरणास्रोत। धरती के चप्पे-चप्पे पर हरियाली बिखर जाती है और खेत, बाग, फुलवारी तक रंग-बिरंगे फूलों की महक से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठता है। आखिर होली तो त्योहार ही है रंगों का।

परंतु, संबंधों में जिंदगी के चटक रंग घोल देने की प्रेरणा देता यह पर्व अब सिर्फ भौतिक रंगों तक सीमित हो गया है। खुशी के जुनून में लोग संश्लेषित व रासायनिक रंगों का बहुत अधिक प्रयोग करते हैं, जिसका शरीर की त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। कई लोगों को रंगों के इस खेल में त्वचा संबंधी विकारोंका तोहफा जिंदगी भर के लिए मिल जाता है। लोग रंग खेलने में इतना मस्त हो जाते हैं कि रंग का गाढ़ा घोल अनजाने ही पी लेते हैं या सूखा रंग खा लेते हैं, जो कई बार जानलेवा साबित होता है।
  होली रंगों का त्योहार है और प्राचीनकाल से ही इस दिन रंगों का चलन रहा है। परंपरा से चले आ रहे इस पर्व में पहले प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल होता था। धीरे-धीरे इनकी जगह चटकीले संश्लेषित एवं रासायनिक रंगों का प्रचलन शुरू हो गया।      


वस्तुतः आजकल बाजार में मिलने वाले सभी रंग विभिन्न रसायनों के मिश्रण से बनाए जाते हैं। निश्चित तौर पर इन्हें व्यावसायिक दृष्टिकोण से तैयार किया जाता है। बाद में इस्तेमाल करने वाले पर इसका क्या और कितना प्रभाव पड़ेगा, इसका ध्यान नहीं रखा जाता। इनमें अम्लीय व क्षारीय दोनों तरह के रंग शामिल हैं। होली खेलने के लिए अब इन्हीं रंगों का अंधाधुँध इस्तेमाल होता है, क्योंकि ये काफी सस्ते और हर जगह उपलब्ध रहते हैं। दूसरी बात यह कि इनकी थोड़ी मात्रा ही पानी में मिलाने पर गहरे रंग तैयार हो जाते हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण हम अनजाने ही होली का आनंद उठाने के चक्कर में कई खतरे मोल ले लेते हैं। इनका रंग कई दिनों तक फीका नहीं पड़ता। और कई लोग फोड़े-फुंसी, छोटे-छोटे दाने और हाथ-पैरों में फफोले लेकर चिकित्सक को ढूँढने लगते हैं। बेहतर इलाज के बावजूद कई लोग जीवन-भर बदरंग त्वचा लेकर घूमते रहते हैं। पुरुषों की तुलना में बच्चों और महिलाओं की त्वचा मुलायम होती है, अतः ये रंग उन्हें ज्यादा हानि पहुँचाते हैं। इनका ज्यादा हानिकारक प्रभाव उन लोगों पर भी पड़ता है, जिनकी त्वचा शुष्क होती है।

अक्सर देखा जाता है कि लोग होली के जुनून में रंगों के साथ ग्रीज, पेंट, चारकोल व केरोसिन तेल इत्यादि मिलाकर लगाने लगते हैं। होली की खुशी में रंगों के नाम पर इन चीजों का प्रचलन दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। ये पदार्थ जितनी देर शरीर में लगे रहते हैं त्वचा को उतनी ही गहराई से जलाते हैं। इन्हें छुड़ाने के लिए कठोर साबुनों और मिट्टी के तेल का इस्तेमाल तो और भी घातक है। होली में त्वचा के प्राकृतिक रंग को बदरंग होने से बचाने के लिए इन सस्ते चटक रासायनिक रंगों से बचना ही बेहतर है।

जरूरी समझें तो सूखे अबीर, गुलाल से होली खेलें। ज्यादा देर तक गुलाल को भी शरीर पर न रहने दें क्योंकि पसीने के साथ घुलकर यह भी शरीर में पहुँच सकता है। अच्छा यही होगा कि रंग खेलने के बाद तुरंत स्नान कर लें। रंगों का त्योहार मनाने के चक्कर में अपनी त्वचा को नुकसान न पहुँचाएँ। होली खुशियों का त्योहार है। खुशी मनाएँ खुश रहें और खुशियाँ बाँटें।
Show comments

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि 2025: कन्या पूजा और भोज के नियम और विधि

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि पर दुर्गा चालीसा पढ़ने के खास नियम जरूर जानें

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि 9 नहीं इस बार 10 दिनों की, जानिए कौनसी तिथि रहेगी 2 दिन

Navratri 2025: कैसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानें सही विधि

Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में माता कालिका की उपासना करें या नहीं

26 September Birthday: आपको 26 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 26 सितंबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Maha Ashtami 2025: महाअष्टमी के दिन करें ये खास उपाय, करियर में तरक्की, सुख और समृद्धि के खुलेंगे द्वार

Vijayadashami 2025: रावण क्यों कहलाता है महान, जानिए किन ग्रंथों और आश्चर्यजनक अविष्कारों का जनक था दशानन

Solar Eclipse 2026: वर्ष 2026 में कब होगा सूर्य ग्रहण, कहां नजर आएगा और क्या होगा इसका समय?