होली आई...

- रश्मि रमानी

Webdunia

कुछ दिन पहले

लगभग ठूंठ हो चुके पेड़ पर

अचानक नजर पड़ी

तो

हैरान होकर मैंने पूछा

ये कैसे हुआ?

लाल-‍केसरिया पत्तियों की

तलियां पीट-पीटकर टेसू मुस्कुराया

' होली आई'।

हवा से ‍बतियाना चाहा

खुशी से मेरे गालों को सहलाकर

उसने कहा

फागुन आया।

इमली लगी लटालूम

आम के पक गए बौर

कोयल का स्वर गा रहा फाग

रसवंती रंगप्रिया के मन में

उमड़ आया गहरा अनुराग।

मैंने भी

बरसों पहले होली पर मिला

रंग का एक कतरा सहेजकर रखा है

आज तक।

हर बरस

रंग के समंदर में नहाती मैं

अपने आप से कहती हूं

' होली आई, होली आई'।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को करें तर्पण, करें स्नान और दान मिलेगी पापों से मुक्ति

जानिए क्या है एकलिंगजी मंदिर का इतिहास, महाराणा प्रताप के आराध्य देवता हैं श्री एकलिंगजी महाराज

Saturn dhaiya 2025 वर्ष 2025 में किस राशि पर रहेगी शनि की ढय्या और कौन होगा इससे मुक्त

Yearly Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों का संपूर्ण भविष्‍यफल, जानें एक क्लिक पर

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

सभी देखें

धर्म संसार

कौन है ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, जिनकी दरगाह पर मचा है बवाल?

शनि ग्रह के गोचर से कैसे बदला देश और दुनिया का भविष्य, जानिए इतिहास और अब मीन में जाने से क्या होगा?

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए प्रसन्नता भरा रहेगा दिन, पढ़ें 30 नवंबर का राशिफल

30 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

30 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त