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दक्षिण के द्वारका के नाम से प्रसिद्ध है तमिलनाडु का ये मंदिर, होली पर उमड़ता है भक्तों का सैलाब

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 6 मार्च 2025 (15:07 IST)
Holi Festival at Rajagopalaswamy Temple Tamil Nadu: होली एक ऐसा त्योहार है जब पूरा देश रंग और गुलाल की मस्ती का आनंद लेता है। एक ओर जहां कृष्ण की नगरी मथुरा और वृन्दावन में होली के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है वहीँ देश में कई ओर भी ऐसे कृष्ण मंदिर हैं जहां होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसा की एक मंदिर है तमिलनाडु में स्थित  राजगोपालस्वामी मंदिर, जिसे दक्षिण की द्वारका भी कहा जाता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। दक्षिण भारत में स्थित राजगोपालस्वामी भी एक ऐसा मंदिर है, जहां होली के मौके पर हजारों की संख्या में लोग घूमने और होली सेलिब्रेट करने के लिए पहुंचते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको राजगोपालस्वामी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

राजगोपालस्वामी मंदिर का इतिहास:
राजगोपालस्वामी मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा करवाया गया था। कई लोगों का मानना है कि कुलोथुंगा चोल प्रथम 10 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण करवाया था। कुछ लोगों का मानना है कि इसका निर्माण 11-12वीं शताब्दी के आसपास में हुआ था।
राजगोपालस्वामी मंदिर के इतिहास को लेकर अन्य मत है कि मंदिर निर्माण के कई वर्षों बाद तंजावुर के नायकों ने मंदिर के विस्तार में महत्वपूर्ण कार्य किया था। इसके बाद होयसल और विजयनगर राजाओं भी विस्तार किया गया था। मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली की उत्कृष्ट कृति है, जिसमें ऊंचे गोपुरम, विशाल प्रांगण और सुंदर नक्काशी वाले स्तंभ शामिल हैं। राजगोपालस्वामी मंदिर की वास्तुकला की भक्तों को खूब आकर्षित करती है। यह प्रसिद्ध मंदिर करीब 23 एकड़ में फैला हुआ है। कहा जाता है कि इस मंदिर का सबसे ऊंचा टॉवर करीब 154 फीट है।
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मंदिर की विशेषताएं:
•          मुख्य देवता: इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान कृष्ण हैं, जिन्हें राजगोपालस्वामी के रूप में पूजा जाता है।
•          गोपुरम: मंदिर का सबसे आकर्षक हिस्सा इसका ऊंचा गोपुरम है, जो अपनी भव्यता और शिल्प कौशल के लिए प्रसिद्ध है।
•          प्रांगण: मंदिर का विशाल प्रांगण भक्तों को शांति और सुकून का अनुभव कराता है।
•          नक्काशी: मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं की सुंदर नक्काशी देखी जा सकती है।
•          होली उत्सव: राजगोपालस्वामी मंदिर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान, हजारों भक्त रंग-गुलाल से खेलते हैं और भगवान कृष्ण के भजनों का आनंद लेते हैं।

होली का महत्व:
राजगोपालस्वामी मंदिर में होली का उत्सव कई दिनों तक चलता है। इस दौरान, मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से सजाया जाता है। भक्त भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं। मंदिर में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें संगीत, नृत्य और नाटक शामिल होते हैं। हां मार्च-अप्रैल के बीच में रथ उत्सव का आयोजन होता है। रथ उत्सव के मौके पर लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

कैसे पहुंचे राजगोपालस्वामी मंदिर:
राजगोपालस्वामी मंदिर तमिलनाडु के मन्नारगुडी जिले में स्थित है। यह मंदिर चेन्नई से लगभग 319 किलोमीटर दूर है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आप बस, टैक्सी या ट्रेन का उपयोग कर सकते हैं। राजगोपालस्वामी मंदिर प्रतिदिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।

राजगोपालस्वामी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारतीय संस्कृति और कला का एक अनमोल धरोहर भी है। यहाँ होली का त्योहार भक्तों को एक साथ लाता है और उन्हें भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

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