रंग पंचमी का त्योहार कब आएगा?

WD Feature Desk
Holi rang panchami 2024 date: होलिका दहन के दूसरे दिन धुलैंडी यानी होली का पर्व मनाया जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन होता है। इसके बाद फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। होलिका दहन 24 मार्च को होगा और होली 25 मार्च को मनाई जाएगी। इसके बाद 30 मार्च को रंगपंचमी रहेगी।
ALSO READ: ब्रजभूमि पर वसंतोत्सव का आगाज, बांके बिहारी मंदिर में खेली होली
पंचमी तिथि प्रारम्भ- 29 मार्च 2024 को रात्रि 08:20 बजे।
पंचमी तिथि समाप्त- 30 मार्च 2024 को रात्रि 09:13 बजे।
 
रंगपंचमी के दिन का शुभ मुहूर्त:-
  1. अमृत काल : सुबह 11:02 से दोपहर 12:43 तक।
  2. अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:06 से 12:56 तक।
  3. विजय मुहूर्त- दोपहर 02:35 से 03:24 तक।
  4. गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:40 से 07:04 तक।
  5. रवि योग : रात्रि 10:03 से 31 मार्च सुब 06:20 तक।
  6. निशिथ काल : मध्यरात्रि 12:07 से 12:54 तक (मार्च 31) 
ALSO READ: होली कब है 2024 में?
रंग पंचमी 2024: भारत में कई स्थानों पर रंग पंचमी पर रंगों वाली होली खेली जाती है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों पर होली के दिन गमी का रंग डालते हैं और रंग पंचमी पर रंगों की होली खेलते है। मथुरा तथा वृन्दावन के कुछ मंदिरों में भी रंग पञ्चमी पर ही होलिका उत्सव का समापन होता है।
क्यों मनाते हैं रंगपंचमी | Why celebrate Rangpanchami:-
 
- चैत्रमास की कृष्णपक्ष की पंचमी को खेली जाने वाली रंगपंचमी देवी देवताओं को समर्पित होती है। यानी देवता इस दिन रंग खेलते हैं इसलिए रंग पंचमी मनाते हैं। जब होलाष्टक के दौरान कामदेव को शिवजी ने भस्म कर दिया था तब देवताओं में उदासी छा गई थी। फिर शिवजी ने कामदेव को जीवित करने का आश्वासन दिया तो सभी ओर खुशियां छा गई और इसी के उपलक्ष्म में पंचमी के दिन देवताओं ने रंगोत्सव मनाया।
ALSO READ: होलिका दहन से दूर करें हर पीड़ा, जानें 11 सरल असरकारी उपाय
- कहते हैं कि इस दिन श्री कृष्ण ने राधा पर रंग डाला था। इसी की याद में रंग पंचमी मनाई जाती है। यह भी कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रासलीला रचाई थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था। कहते हैं कि जिस दिन राक्षसी पूतना का वध हुआ था उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा थी। अत: बुराई का अंत हुआ और इस खुशी में समूचे नंदगांववासियों ने पांच दिनों तक खूब जमकर रंग खेला, नृत्य किया और जमकर उत्सव मनाया। 
  
- जब हिरण्याक्ष का वध हुआ और प्रहलाद को राज्य मिला इसके बाद जनता में हर्ष व्याप्त हो गया। इसी की खुशी में पांच दिनों तक उत्सव मनाया गया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
 
- पंचमी की तिथि नागदेव की तिथि है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता भी पृथ्वी पर आ जाते हैं और वह मनुष्य के साथ गुलाल खेलते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vasumati Yog: कुंडली में है यदि वसुमति योग तो धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम जयंती पर कैसे करें उनकी पूजा?

मांगलिक लड़की या लड़के का विवाह गैर मांगलिक से कैसे करें?

Parshuram jayanti 2024 : भगवान परशुराम का श्रीकृष्ण से क्या है कनेक्शन?

Akshaya-tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन क्या करते हैं?

Aaj Ka Rashifal: पारिवारिक सहयोग और सुख-शांति भरा रहेगा 08 मई का दिन, पढ़ें 12 राशियां

vaishkh amavasya 2024: वैशाख अमावस्या पर कर लें मात्र 3 उपाय, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न

08 मई 2024 : आपका जन्मदिन

08 मई 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

Akshaya tritiya : अक्षय तृतीया का है खास महत्व, जानें 6 महत्वपूर्ण बातें

अगला लेख