Ramcharitmanas

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

होली एक लेकिन हर राज्य के रंग अनेक, जानिए कैसे मनाते हैं रंगपंचमी

Advertiesment
हमें फॉलो करें होली एक लेकिन हर राज्य के रंग अनेक, जानिए कैसे मनाते हैं रंगपंचमी
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन होता है और दूसरे दिन धुलेंडी का पर्व मनाया जाता है। इसके बाद पंचमी को रंग पंचमी मनाई जाती है। धुलेंडी और रंगपंचमी के दिन रंगों से होली खेली जाती है। हर राज्य में इस उत्सव को अगल अलग तरीके से मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि किस राज्य में कैसे मनाई जाती है होली।
 
बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश : बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में होली को फगुआ, फाग और लठमार होली कहते हैं। खासकर मथुरा, नंदगांव, गोकुल, वृंदावन और बरसाना में इसकी धूम होती है। यहां गुलाल के रंगों के साथ ही महिलाएं और पुरुषों के बीच लठमार प्रतियोगिता होती है। फाग उत्सव की धूम के बीच ही लोग एक दूसरे पर जमकर रंग डालते हैं। 
 
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान : मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होली वाले दिन होलिका दहन होता है, दूसरे दिन धुलैंडी मनाते हैं और पांचवें दिन रंग पंचमी मनाते हैं। यहां के आदिवासियों में होली की खासी धूम होती है। इसे भगोरिया उत्सव भी कहते हैं। तीनों राज्यों में होली के लोकगीत गाते हुए जुलूस भी निकाले जाते हैं, जिसे गेर कहते हैं।
 
महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा : महाराष्ट्र में होली को 'फाल्गुन पूर्णिमा' और 'रंग पंचमी' के नाम से जानते हैं। गोवा के मछुआरा समाज इसे शिमगो या शिमगा कहता है। गोवा की स्थानीय कोंकणी भाषा में शिमगो कहा जाता है। गुजरात और मुंबई में गोविंदा होली की खासी धूम होती है। इसमें मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।
 
हरियाणा और पंजाब : हरियाणा में होली को दुलंडी या धुलैंडी के नाम से जानते हैं। पंजाब में होली को 'होला मोहल्ला' कहते हैं। यहां पर भी होली को बहुत ही धूमधाम तरीके से मनाते हैं।
 
पश्चिम बंगाल और ओडिशा : पश्चिम बंगाल और ओडिशा में होली को 'बसंत उत्सव' और 'डोल पूर्णिमा' के नाम से जाना जाता है। यहां पर डोल निकाली जाती है। सभी एक दूसरे पर गुलाल के रंग डालते हैं।
 
तमिलनाडु और कर्नाटक : तमिलनाडु में लोग होली को कामदेव के बलिदान के रूप में याद करते हैं। इसीलिए यहां पर होली को कमान पंडिगई, कामाविलास और कामा-दाहानाम कहते हैं। कर्नाटक में होली के पर्व को कामना हब्बा के रूप में मनाते हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगना में भी ऐसी ही होली होती है।
 
मणिपुर और असम : मणिपुर में इसे योशांग या याओसांग कहते हैं। यहां धुलेंडी वाले दिन को पिचकारी कहा जाता है। असम में इसे 'फगवाह' या 'देओल' कहते हैं। त्रिपुरा, नगालैंड, सिक्किम और मेघालय में भी होली की धूम रहती है।
 
उत्तराखंड और हिमाचल : यहां होली को भिन्न प्रकार के संगीत समारोह के रूप में मनाया जाता है, जिसे बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली कहते हैं। यहां कुमाउनी की होली ज्यादा प्रसिद्ध है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रंगपंचमी रेसिपी : इस होली पर बनाएं गुलकंद वाली गुझिया, सबसे अलग, सबसे बढ़िया