होली के त्योहार के लिए हर्बल रंग बनाने के तरीके

Webdunia
होली पर अक्सर हुड़दंग रहती है। अक्सर यह देखा गया है कि होली खेलने के बाद कई लोगों को आंखों में जलन होती है तो कईयों की त्वचा खराब हो जाती है। कई दिनों तक शरीर पर जमा रंग निकलता नहीं है। ऐसे में हर्बल रंग सबसे अच्छे होते हैं। इन्हें आप प्राकृतिक रंग भी कह सकते हैं। आओ जानते हैं कि इन्हें घर पर ही कैसे बना सकते हैं।
 
 
फूलों से बनाएं रंग : 
* पहले होली के रंग टेसू या पलाश के फूलों से बनते थे और उन्हें गुलाल कहा जाता था। पलाश या टेसू के फूलों को भि‍गोर या उबालकर केसरिया रंग तैयार केया जा सकता है। सूखा रंग बनाने के लिए इन्हें अच्छी तरह से सुखा लें और अरारोट या चिकना आटा मिलाकर रंग तैयार करें। केसर की कुछ पत्त‍ियों को पानी के साथ पेस्ट बनाकर रखें और बाद में ज्यादा पानी में घोल दें। इससे भी केसरिया रंग तैयार होगा।
 
 
* गुलाब की पत्त‍ियों को सुखाकर इसे पीसकर इसमें चंदन पाउडर, चावल का आटा मिलाकर भी लाल रंग तैयार किया जा सकता है। चाहें तो हल्दी और चुकंदर को मिलाकर लाल रंग बनाएं। 
 
* गेंदे के फूलों को उबालकर या पीसकर भी पीला-नारंगी रंग तैयार किया जा सकता है।
 
* नीला गुलाब, जकरांदा के फूलों को सुखाकर नीला रंग तैयार किया जा सकता है। वहीं इन्हें उबालकर या पीसकर आप गीले रंग भी आसानी से बना सकते हैं।

* बुरांस के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर भी लाल रंग बनाया जा सकता है, लेकिन यह फूल सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। पलिता, मदार और पांग्री में लाल रंग के फूल लगते हैं। ये पेड़ तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। फूलों को रातभर में पानी में भिगो कर बहुत अच्छा लाल रंग बनाया जा सकता है।
 
* गुलमोहर की पत्तियों को सुखाकर, महीन पावडर कर लें, इसे आप हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

* जासवंती के फूलों को सुखाकर उसका पावडर बना लें और इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए आटा मिला लें। सिन्दूरिया के बीज लाल रंग के होते हैं, इनसे आप सूखा व गीला लाल रंग बना सकते हैं। 
 
चुकंदर से बनाएं रंग : चुकंदर को काटकर या किसकर सुखा लें और बाद में इसे पीसकर अरारोट, मैदा या चावल का आटा मिलाकर लाल रंग तैयार करें। 2 जामुनी रंग तैयार करने के लिए चुकंदर को पीसकर, इसे छानकर पानी मिलाएं और इसे भि‍गोर रखें रहने दें। कुछ समय बाद यह गहरा जामुनी रंग में बदल जाएगा। 
 
अनार से बनाएं रंग : लाल रंग बनाने के लिए आप अनार के दानों का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए अनार के दानों को पानी में उबालकर लाल रंग बनाया जा सकता है। चाहें तो इमें चुकंदर के रस भी मिलाकर और बेहतर किया जा सकता है। 
 
पालक और मैथी से बनाएं रंग : हरा रंग बनाने के लिए पालक या मैथी का उपयोग किया जा सकता है। इसे पीसकर या उबालकर गीला रंग, और इसके पेस्ट को सुखाकर अरारोट या चावल के आटे के साथ पाउडर वाला सूखा रंग आसानी से बनाया जा सकता है। आप चाहें तो गेहूं के जवारों से भी हरा रंग बना सकते हैं। इसके अलावा पोंई के छोटे-छोटे फलों से भी यह रंग बनाया जा सकता है।
 
हल्दी से बनाएं रंग : बेसन और हल्दी से पीला रंग बनाया जा सकता है। पीला रंग तैयार करने के लिए हल्दी सबसे बेहतर है और त्वचा के लिए फायदेमंद भी। आप इसके गीले और सूखे दोनों रंग तैयार कर सकते हैं। चाहें तो इसमें बेसन या फिर चंदन पाउडर भी मिला लें। 
 
अंगूर से बनाएं रंग : काला रंग तैयार करने के लिए काले अंगूर के जूस को पानी में मिलाकर रंग बनाएं। इसके अलाव गहरा या कत्थई रंग तैयार करने के लिए हल्दी पाउडर और बेकिंग सोडा को मिलाकर रंग बनाया जा सकता है।

मेहंदी से बनाएं रंग : 2 चम्मच मेहंदी को एक लीटर पानी में मिलाने के साथ ही उसमें पालक, धनिया या पुदीने की पत्तियों का पेस्ट भी मिलाकर पानी में घोलकर गीला हरा रंग बनाया जा सकता है।

चंदन से बनाएं रंग : एक चुटकी चन्दन पावडर को एक लीटर पानी में भिगो देने से नारंगी रंग बनता है। दो छोटे चम्मच लाल चन्दन पावडर को पांच लीटर पानी में डालकर उबालें। इसमें बीस लीटर पानी और डालें। इससे लाल लंग तैयार हो जाएगा। चाहें तो इसमें अनार के छिलकों का रंग भी मिला सकते हैं। सूखे लाल चन्दन को आप लाल गुलाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुर्ख लाल रंग का पावडर होता है और त्वचा के लिए अच्छा होता है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बसंत पंचमी का दूसरा नाम क्या है? जानें कैसे मनाएं सरस्वती जयंती

gupt navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि में कौनसी साधना करना चाहिए?

मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए बसंत पंचमी पर लगाएं इन 5 चीजों का भोग?

जया और विजया एकादशी में क्या है अंतर?

फरवरी 2025 के प्रमुख व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

सभी देखें

धर्म संसार

रहस्यवादी और आध्यात्मिक गुरु, अवतार मेहरबाबा की पुण्यतिथि

Aaj Ka Rashifal: 31 जनवरी 2025, महीने का अंतिम दिन आज, जानें 12 राशियों का हाल

31 जनवरी 2025 : आपका जन्मदिन

31 जनवरी 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

2 या 3 फरवरी कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भोग

अगला लेख