होलिका-इलोजी की यह प्रेम कथा पढ़कर आपकी आंखें भर आएंगी

Webdunia
हम लोग होलिका को एक खलनायिका के रूप में जानते हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश में होलिका के प्रेम की व्यथा जन-जन में प्रचलित है। इस कथा को आधार मानें तो होलिका एक बेबस प्रेयसी नजर आती है जिसने प्रिय से मिलन की खातिर मौत को गले लगा लिया।
 
हिरण्यकश्यप की बहन होलिका का विवाह इलोजी से तय हुआ था और विवाह की तिथि पूर्णिमा निकली। इधर हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रहलाद की भक्ति से परेशान था। उसकी महात्वाकांक्षा ने बेटे की बलि को स्वीकार कर लिया।
 
बहन होलिका के सामने जब उसने यह प्रस्ताव रखा तो होलिका ने इंकार कर दिया। फिर हिरण्यकश्यप ने उसके विवाह में खलल डालने की धमकी दी। बेबस होकर होलिका ने भाई की बात मान ली। और प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठने की बात स्वीकार कर ली। वह अग्नि की उपासक थी और अग्नि का उसे भय नहीं था।
 
उसी दिन होलिका के विवाह की तिथि भी थी। इन सब बातों से बेखबर इलोजी बारात लेकर आ रहे थे और होलिका प्रहलाद को जलाने की कोशिश में स्वयं जलकर भस्म हो गई। जब इलोजी बारात लेकर पहुंचे तब तक होलिका की देह खाक हो चुकी थी।
 
इलोजी यह सब सहन नहीं कर पाए और उन्होंने भी हवन में कूद लगा दी। तब तक आग बुझ चुकी थी। अपना संतुलन खोकर वे राख और लकड़ियां लोगों पर फेंकने लगे। उसी हालत में बावले से होकर उन्होंने जीवन काटा। होलिका-इलोजी की प्रेम कहानी आज भी हिमाचल प्रदेश के लोग याद करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

ईस्टर संडे का क्या है महत्व, क्यों मनाते हैं इसे?

50 साल बाद सूर्य गोचर से बना शुभ चतुर्ग्रही योग, 3 राशियों के पलट जाएंगे किस्मत के सितारे

लाल किताब के अनुसार किस्मत का ताला खोलने के क्या है अचूक उपाय

गोल्ड पहन रखा है तो हो जाएं सावधान, पहले जान लें कि इसके क्या है नुकसान और सावधानियां

जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर स्थित नीलचक्र और ध्वज का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी फिर शुरू, जानिए कितना होगा खर्चा

20 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

20 अप्रैल 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

12 साल बाद बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

बुद्ध जयंती कब है, गौतम सिद्धार्थ नेपाली थे या भारतीय?

अगला लेख