Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Rang Panchami 2020 : रंग पंचमी पर रंगारंग कारवां बनेगा इंदौर की शान, फाग यात्रा में होगी रंगों की बौछार

हमें फॉलो करें Rang Panchami 2020 : रंग पंचमी पर रंगारंग कारवां बनेगा इंदौर की शान, फाग यात्रा में होगी रंगों की बौछार
webdunia

राजश्री कासलीवाल

Rang Panchami
* रंग पंचमी पर फाग यात्रा में  रंगारंग कारवां बनेगा इंदौर की शान
 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रंग पंचमी (Ranga Panchami) मनाने के पीछे आध्यात्मिक मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खेले जाने वाले रंग और गुलाल हमारे सात्विक गुणों को बढ़ाते हैं और अवगुणों का नाश करते हैं। 
 
रंग पंचमी त्योहार की यह भी मान्यता है कि इस दिन जब रंगों को जब एक-दूसरे को लगाया जाता है और गुलाल को हवा में उड़ाया जाता है, तो देवी-देवता आकर्षित होते हैं और बुरी शक्तियों का नाश होता है। इसी उद्देश्य से सभी का पसंदीदा यह त्योहार भारत के हर राज्य एवं हर स्थान पर मनाने की एक अलग ही परंपरा है। इसमें कुछ स्थानों पर होली के पांचवें दिन यानी चैत्र कृष्ण पंचमी को रंग पंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
 
 
भारत के कई स्थानों पर होली से भी ज्यादा रंग पंचमी पर रंग खेलने की परंपरा है। कई जगहों पर धुलेंडी पर गुलाल लगाकर होली खेली जाती है, तो रंग पंचमी पर अच्छे-खासे रंगों का प्रयोग कर रंगों का त्योहार मनाया जाता है। खासतौर पर मध्यप्रदेश में होली के साथ-साथ रंग पंचमी खेलने की परंपरा काफी पौराणिक है। इस दिन मालवावासियों की रंग पंचमी की गेर की टोलियां सड़कों पर निकलती हैं तथा एक-दूसरे को रंग लगाकर इस त्योहार की खुशियां इजहार करती हैं। 
 
मालवा में इस दिन खासतौर पर जगह-जगहों पर जुलूस निकाले जाते हैं जिन्हें 'गेर' कहा जाता है। इसमें शस्त्रों का प्रदर्शन काफी महत्व रखता है, इसके साथ ही सड़कों पर युवा वर्ग हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए सबका मन मोह लेते हैं। इसी गेर का रंग अब विश्व पटल पर छाने वाला हैं। इस गेर को यूनेस्को के रिकॉर्ड में दर्ज करवा कर इसे विश्व धरोहर बनाने की तैयारी अब इंदौर ने कर ली है। अत: सभी से निवेदन है कि इस परंपरागत गेर में किसी तरह की गलत हरकत ना करते हुए इंदौर की शान कायम रखने में एक-दूसरे की मदद करें। इस दिन खासतौर पर पूरणपोळी या फिर श्रीखंड-पूरी का आनंद सभी उठाते हैं। 
 
रंग पंचमी के दिन इन रंगों की फुहार में भीगने के लिए न तो किसी को बुलावा दिया जाता है और न ही कोई किसी को रंग लगाता है। फिर भी हजारों हुरियारे हर साल रंग पंचमी पर निकलने वाली गेर यात्रा (फाग) में शामिल होकर इस उत्सव में डूबते हैं और रंगों का त्योहार खुशी-खुशी मनाते हैं। इस गेर के जरिए बेटी बचाओ, पानी बचाओ, महिला सशक्तीकरण आंदोलन, रेप-बलात्कार से भारत को मुक्ति दिलाने वाले संदेशों पर जोर दिया जाएगा। इस गेर में महिलाओं की विशेष फाग यात्रा भी निकलती है।
 
 
खासकर इंदौर में मनाई जाने वाली रंग पंचमी की गेर एक ऐसा रंगारंग कारवां है जिसमें बिना किसी भेदभाव के पूरा शहर शामिल होता है और जमीन से लेकर आसमान तक रंग ही रंग नजर आता है। इस रंगारंग त्योहार पर कुछ लोग गलत हरकतों पर उतर आते हैं जो बिलकुल भी उचित नहीं है। गलत हरकतों से यहां मतलब है सड़क पर बिखरे हुए गंदे पानी, गोबर आदि को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर वहां उपस्थित लोगों पर फेंकना।

इस तरह की हरकतों से हमें बचना चाहिए क्योंकि मालवा की रंग पंचमी के चर्चे देश-विदेश तक होते हैं, लेकिन इस तरह की हरकतें कर हम अपने शहर इंदौर का नाम खराब कर रहे हैं। इसलिए उचित होगा कि हम होली या रंग पंचमी का भरपूर आनंद उठाएं और त्योहार को शालीनता से मनाएं। यही मेरी सभी से अपील है।
 
 
रंग पंचमी का त्योहार महाराष्ट्र में भी बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है, इसके साथ ही गुजरात और मध्यप्रदेश में भी काफी आकर्षक तरीके से रंग पंचमी पर्व मनाने का चलन है। इस दिन पूरे शहर में जुलूस निकाला जाता है और नाच-गाने का कार्यक्रम होता है। होली का अंतिम दिन रंग पंचमी यानी होली पर्व के समापन का दिन माना जाता है। रंग-बिरंगी गेर के साथ इस त्योहार का समापन होता है। 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शीतला अष्टमी 2020 : शीतला माता के पर्व को क्यों कहा जाता है बसौरा, जानिए