होलिका दहन व पूजन की प्रामाणिक विधि

होली पर पढ़ें पूजन का सही तरीका

Webdunia
26 मार्च 2013, मंगलवार को होलिका दहन किया जाएगा। प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भद्रारहित काल में होलिका दहन किया जाता है। 26 मार्च, 2013 को गोधूलि बेला में होलिका दहन किया जा सकता है।

इसलिए होलिका दहन से पूर्व और भद्रा समय के पश्चात होली का पूजन करना चाहिए।

क्या चढ़ाएं होली में...


क्या चढ़ाएं होली में...

FILE


होलिका दहन होने के बाद होलिका में जिन वस्तुओं की आहुति दी जाती है, उनमें कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने, नई फसल का कुछ भाग है। सप्तधान्य हैं गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर।

होलिका दहन की प्रामाणिक पूजन विध ि

होलिका दहन की प्रामाणिक पूजन विधि

FILE


होलिका दहन करने से पहले होली की पूजा की जाती है। इस पूजा को करते समय पूजा करने वाले व्यक्ति को होलिका के पास जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पूजा करने के लिए निम्न सामग्री को प्रयोग करना चाहिए-

एक लोटा जल, माला, रोली, चावल, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल आदि का प्रयोग करना चाहिए। इसके अति‍रिक्त नई फसल के धान्यों जैसे पके चने की बालियां व गेहूं की बालियां भी सामग्री के रूप में रखी जाती हैं ।

इसके बाद होलिका के पास गोबर से बनी ढाल तथा अन्य ‍खिलौने रख दिए जाते हैं।

FILE


होलिका दहन मुहूर्त समय में जल, मौली, फूल, गुलाल तथा ढाल व खिलौनों की चार मालाएं अलग से घर से लाकर सु‍‍रक्षित रख ली जाती हैं।

इनमें से एक माला पितरों के नाम की, दूसरी हनुमानजी के नाम की, तीसरी शीतलामाता के नाम की तथा चौथी अपने घर-परिवार के नाम की होती है ।

कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना होता है। फिर लोटे का शुद्ध जल व अन्य पूजन की सभी वस्तुओं को एक-एक करके होलिका को समर्पित किया जाता है।

रोली, अक्षत व पुष्प को भी पूजन में प्रयोग किया जाता है। गंध-पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन किया जाता है। पूजन के बाद जल से अर्घ्य दिया जाता है ।


वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Nanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती? जानें कैसे मनाएं प्रकाश पर्व

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

शमी के वृक्ष की पूजा करने के हैं 7 चमत्कारी फायदे, जानकर चौंक जाएंगे

Kartik Purnima 2024: कार्तिक मास पूर्णिमा का पुराणों में क्या है महत्व, स्नान से मिलते हैं 5 फायदे

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal:14 नवंबर का राशिफल, आज किस पर होंगे ग्रह मेहरबान, पढ़ें 12 राशियां

14 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

14 नवंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्या सिखों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी जा सकते हैं करतारपुर साहिब गुरुद्वारा

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर