ईशान कोण का महत्व

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जमीन के उत्तर पूर्व कोने को ईशान कोण कहा जाता है। यह माना जाता है कि इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास रहता है। इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना होता है।

* भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। चूंकि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है इसीलिए इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा शुभ मानी जाती हैं।

* इन दोनों दिशाओं के मिलने वाले कोण पर उत्तर-पूर्व क्षेत्र बनता है इसी वजह से यह घर या प्लाट का यह सबसे शुभ तथा ऊर्जा के स्रोत का शक्तिशाली कोना माना जाता है।

* यहाँ दैवी शक्तियाँ इसलिए भी बढ़ती हैं क्योंकि इस क्षेत्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति और मोक्ष कारक केतु का भी वास रहता है।

घर बनाते वक्त ईशान क्षेत्र में ध्यान रखने योग्य बातें :

* ईशान क्षेत्र दैवी ऊर्जा से परिपूर्ण क्षेत्र होता है इसलिए यहाँ पूजा-पाठ, ध्यान, योग या आध्यात्मिक जैसी गतिविधियाँ करना चाहिए। परिवार के सभी सदस्यों को थोड़ा समय, विशेषकर सुबह का वक्त अपने घर के ईशान कोण में बिताना चाहिए।

* इसका सबसे अच्छा उपाय है वहाँ पूजाघर की स्थापना कर दी जाए। ईशान क्षेत्र में की जाने वाली पूजा हमेशा शुभ, फलदायी और परिवार के सदस्यों को स्थायित्व देने वाला होती है।

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