ईशान कोण में नहीं बनाएँ बेडरूम

Webdunia
NDND
यदि आप ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में बेडरूम बनाएँगे तो इस कमरे में सोने वाला कम से कम आठ-दस घंटे तो यहाँ बिताएगा ही। किसी भी व्यक्ति के लिए ऊर्जा से परिपूर्ण इस क्षेत्र में इतने लंबे समय तक रहने का मतलब है खुद का नुकसान। क्योंकि इस जगह पर किसी को भी इतनी देर नहीं रहना चाहिए।

* यदि आपने यह कमरा अपने बेटे को दिया है तो संभव है उस पर मोटापा हावी हो जाए। जिसके परिणामस्वरूप वह सुस्त और ढीला हो जाएगा। इससे उसमें हीन भावना आ जाएगी।

* अगर बेटी को यह कमरा दिया गया है तो वह चिड़चिड़े स्वभाव की और झगड़ालू हो जाएगी। इतना ही नहीं, उसे कम उम्र में ही स्त्री रोगों से जुड़ी समस्याएँ भी झेलना पड़ सकती हैं।

* किसी दंपती का बेडरूम बनाने के लिए ईशान कोण अशुभ फलदायी जगह है। किसी नवदंपती को तो भूलकर भी ईशान कोण में अपना बेडरूम नहीं बनाना चाहिए।

* नवविवाहिता अगर ईशान कोण पर बने बेडरूम में रहती है तो यह निश्चित है कि या तो वह गर्भधारण ही नहीं कर पाएगी या उसे बार-बार गर्भपात का शिकार होना पड़ेगा।

* ईशान कोण पर बने बेडरूम में सोने वाले दंपतियों को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक तरह की कठिना इया ँ झेलना पड़ सकती हैं।

* ईशान क्षेत्र में कभी भी बच्चों का बेडरूम न बनाएँ। अगर आप ने यहाँ पूजा घर नहीं बनाया है तो यहाँ बच्चों के लिए स्टडी रूम बना सकती हैं।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज क्या है? कब शुरू हुआ और किसे मिलता है? जानिए कौन रहे अब तक के प्रमुख विजेता

स्किन से लेकर डाइबिटीज और बॉडी डिटॉक्स तक, एक कटोरी लीची में छुपे ये 10 न्यूट्रिएंट्स हैं फायदेमंद

ये हैं 'त' अक्षर से आपके बेटे के लिए आकर्षक नाम, अर्थ भी हैं खास

अष्टांग योग: आंतरिक शांति और समग्र स्वास्थ्य की कुंजी, जानिए महत्व

पर्यावरणीय नैतिकता और आपदा पर आधारित लघु कथा : अंतिम बीज

सभी देखें

नवीनतम

अल्जाइमर समेत इन 6 बीमारियों के लिए सबसे असरदार है मेडिटेशन

बच्चों के नाम रखते समय भूल कर भी न करें ये गलतियां, जानिए नामकरण में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

शक्कर छोड़ने के पहले जान लें वो 8 जरूरी बातें जो आपको पहले से पता होनी चाहिए

Operation Sindoor पर भाषण: सिन्दूर का बदला खून, अदम्य साहस और अटूट संकल्प की महागाथा