खाना खाते ही जाना पड़ता है शौच, इन 5 उपायों से मिलेगी निजात

Webdunia
गर्मी का मौसम आते ही कई चीजों से खाने का मन उठ जाता है। तरह-तरह की पेट में समस्याएं होने लगती है। तो बच्चों सहित कई लोगों को खाना खाने के तुरंत बाद ही शौच की परेशानी होने लग जाती है। इसके कारण कई बार लोग शर्मिंदा भी महसूस करते हैं, लेकिन यह समस्या गैस्ट्रो-कॉलिक रिफलक्स की वजह से होती है। तो आइए जानते हैं कैसे इस समस्या से निजात पाएं-  
 
1. खाना खाने में थोड़ा बदलाव करना होगा। फाइबर की संख्या खाने में अधिक बढ़ाएं। एक साथ बैठकर खाने से अच्छा है दिनभर में 4-5 बार में मिल लें। 
 
2. आम के फूल का बारिक चूर्ण बनाकर सुबह बासी मुंह पानी से लें। चूर्ण की संख्या करीब 3 ग्राम रखें। 
 
3. अपने भोजन में मटर, ब्रोकोली, अनाज, दही, कच्चा सलाद शामिल करें। फलों में आम, केले, अमरूद, अनानास भी शामिल करें।
 
4. बेल के कच्चे फल को धीमी आंच पर सेक कर उसका गूदा निकाल लें। इसमें स्वादानुसार शक्कर मिला लें। इसका सेवन करें। इससे जल्दी निजात मिलेगी। 
 
5. इमली नुकसानदेह भी है और लाभकारी भी। इमली की छाल का चूर्ण बनाकर दही में मिक्स करके खाएं। इससे जल्दी आराम मिलेगा।

ALSO READ: Corona virus: workplaces पर रखें इन बातों का ध्यान

ALSO READ: कोविड-19 के दौर में फेफड़ों की कार्यक्षमता और ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए ये योगासन करें

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज क्या है? कब शुरू हुआ और किसे मिलता है? जानिए कौन रहे अब तक के प्रमुख विजेता

स्किन से लेकर डाइबिटीज और बॉडी डिटॉक्स तक, एक कटोरी लीची में छुपे ये 10 न्यूट्रिएंट्स हैं फायदेमंद

ये हैं 'त' अक्षर से आपके बेटे के लिए आकर्षक नाम, अर्थ भी हैं खास

अष्टांग योग: आंतरिक शांति और समग्र स्वास्थ्य की कुंजी, जानिए महत्व

पर्यावरणीय नैतिकता और आपदा पर आधारित लघु कथा : अंतिम बीज

सभी देखें

नवीनतम

अल्जाइमर समेत इन 6 बीमारियों के लिए सबसे असरदार है मेडिटेशन

बच्चों के नाम रखते समय भूल कर भी न करें ये गलतियां, जानिए नामकरण में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

कांस में ऐश्वर्या ने मांग में सजाया सिन्दूर, दुनिया को दिया देश की संस्कृति और ताकत का संदेश

शक्कर छोड़ने के पहले जान लें वो 8 जरूरी बातें जो आपको पहले से पता होनी चाहिए

Operation Sindoor पर भाषण: सिन्दूर का बदला खून, अदम्य साहस और अटूट संकल्प की महागाथा

अगला लेख